छिंदवाड़ा परासिया में संदिग्ध परिस्थितियों में नौ बच्चों की मौत, दवा जांच में जहरीले रसायन नहीं

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के परासिया कस्बे में पिछले एक माह में नौ बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने इलाके में चिंता बढ़ा दी है। प्रारंभिक आशंका के अनुसार यह मौतें खांसी के कफ सिरप से जुड़ी हो सकती थीं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और औषधि नियंत्रक संगठन की जांच में अब तक किसी भी सैंपल में जहरीले रसायन डायथिलीन ग्लाइकाल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकाल (EG) की पुष्टि नहीं हुई।

कुल 19 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से नौ की रिपोर्ट आ चुकी है और सभी को सुरक्षित पाया गया। एक सैंपल में लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण मिली, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी इतनी गंभीर नहीं होती कि मौत का कारण बन सके।

सरकारी कार्रवाई और परामर्श
राजस्थान सरकार ने इसी तरह की घटनाओं की पृष्ठभूमि में एहतियात के तौर पर औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने और पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ देने की सलाह दी है।

अभी भी इलाजरत हैं कई बच्चे
परासिया में फिलहाल 13 बच्चे इलाजरत हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। जांच में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, और सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की टीमें शामिल हैं।

संभावित कारण
अब तक मौतों का स्पष्ट कारण पता नहीं चला है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई बीमारी, अज्ञात संक्रमण या किसी दवा का अप्रत्याशित दुष्प्रभाव हो सकता है। सरकार ने माता-पिता से अपील की है कि बच्चों को डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न दें और किसी भी लक्षण पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

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