दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। गुरुवार से दिल्ली के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय प्रदूषण के स्तर को कम करने और सड़कों पर वाहनों की संख्या घटाने के उद्देश्य से लिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर जुर्माना लगाया जाएगा
ग्रेप-3 नियमों के तहत निर्माण कार्यों पर लगी रोक से प्रभावित पंजीकृत निर्माण मजदूरों को दिल्ली सरकार 10 हजार रुपये का मुआवजा देगी। दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि श्रम विभाग के निर्णय के अनुसार ग्रेप-3 के दौरान 16 दिनों तक निर्माण कार्य बंद रहने से प्रभावित पंजीकृत मजदूरों को यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी। ग्रेप-4 समाप्त होने के बाद भी इसी आधार पर राहत प्रदान की जाएगी।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार दर्ज किया गया है, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। बुधवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 329 रहा, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार सुबह 7 बजे सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI गंभीर स्तर से नीचे दर्ज किया गया, जबकि कुछ इलाकों में यह खराब श्रेणी में रहा।
तेज हवाओं और कोहरे में कमी के कारण मंगलवार को प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी से बाहर आया और 24 घंटे का औसत AQI 354 दर्ज किया गया। CPCB के मानकों के अनुसार 301 से 400 के बीच AQI को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।
पिछले तीन दिनों से राजधानी में छाए घने स्मॉग के कारण उड़ान और परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई थीं तथा कई सड़क दुर्घटनाएं भी हुईं। हालांकि बुधवार सुबह स्मॉग में काफी हद तक कमी देखी गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में दिन भर मध्यम कोहरा छाए रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए दिल्ली में ग्रेप-4 के तहत सबसे सख्त पाबंदियां लागू हैं। इसके साथ ही पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल प्रमाणपत्र नहीं रखने वाले वाहनों को ईंधन न देने और बीएस-6 मानकों से नीचे के गैर-दिल्ली वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।











