रायपुर। राजधानी समेत पूरे छत्तीसगढ़ में इस बार सर्दी अपने तीखे तेवर दिखा रही है। दिसंबर महीने में ही तापमान तेजी से गिरने लगा है और आने वाले दिनों में ठंड का असर और बढ़ने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार रायपुर में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है और अगले चार दिनों में इसमें 1 से 2 डिग्री की और गिरावट हो सकती है। ऐसे में इस बार पिछले 15 वर्षों का ठंड का रिकॉर्ड टूटने की आशंका जताई जा रही है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते 15-16 वर्षों में रायपुर का न्यूनतम तापमान अधिकतर 9 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है। कुछ वर्षों में पारा 9 डिग्री से नीचे जरूर गया, लेकिन 1902 जैसी कड़ाके की ठंड दोबारा नहीं पड़ी। वर्ष 1902 में 23 दिसंबर को तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था, जो अब तक का सबसे ठंडा दिन माना जाता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस बार ठंड बढ़ने का मुख्य कारण ला नीना का प्रभाव है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि ला नीना के सक्रिय रहने से मौसम सामान्य से अधिक ठंडा रहता है। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ का असर सीमित होने से ठंड और ज्यादा महसूस की जा रही है। यही कारण है कि उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में शीतलहर का असर देखा जा रहा है।
बुधवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह नमी 82 प्रतिशत रही, जिससे ठंड का असर और बढ़ गया। वहीं प्रदेश में सबसे ठंडा इलाका अंबिकापुर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले तीन से चार दिनों तक प्रदेश के कुछ इलाकों में शीतलहर चल सकती है। लोगों को सुबह-शाम सावधानी बरतने, गर्म कपड़े पहनने और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। राजधानी रायपुर में 25 दिसंबर को आसमान आंशिक रूप से साफ रहेगा, लेकिन ठंड से राहत मिलने के आसार फिलहाल नहीं हैं।











