रायपुर: राजधानी रायपुर में एक भिखारी के लखपति होने का मामला सामने आया है। दरअसल इन दिनों राजधानी में समाज कल्याण विभाग द्वारा भिखारियों के रेस्क्यू का काम जारी है। भिखारियों को आश्रय गृह में ट्रांसफर किया जा रहा है। इस दौरान एक दिलचस्प मामला सामने आया, जहां एक महिला भिखारी के पास लाखों रुपये की संपत्ति मिली है।
भिक्षुक महिला का नाम बेनवती जंघेल है, जिनका एक बेटा विदेश में काम करता है और दूसरा किराना व्यवसायी है। इसके बाद भी वे रायपुर के चौक चौराहों पर भीख मांग कर अपना गुजर बसर करती है। समाज कल्याण विभाग ने जब भिक्षुक महिला से भीख मांगने की वजह पता की तो महिला ने कहा कि वे भीख नहीं मांगती बल्कि उन्हें बीमारी है इस वजह से वे मंदिर, मस्जिद के चक्कर लगा रही थी। महिला ने पूछताछ में बताया कि, उसने अपना घर भी किराए पर दिया है, जिससे वो हर महीने 5 से 6 हजार रुपए की कमाई करती है।
भिक्षुक पुनर्वास केंद्र की संचालक ममता शर्मा बताती है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा भिखारियों का रेस्क्यू कर जब उन्हें पुनर्वास केंद्र लाया जाता है तो लगभग 85 प्रतिशत भिखारी इनकार कर देते हैं कि वे भीख मांगते है। ताकि टीम उन्हें जल्द ही छोड़ दें। काफी बिखारी ऐसे मिल रहे हैं जो संपन्न परिवार से है। जो चौक-चौराहों में भीख मांगकर रोजाना हजारों रुपए कमाते हैं, वहीं कुछ संगति में भी भीख मांगने के लिए निकल जाते हैं।











