छत्तीसगढ़ के बच्चों का पहला जत्था राेमानिया-पाेलैंड बॉर्डर पहुंचा

रायपुर। युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय विद्यार्थियों की वापसी का मिशन शुरू हो गया है। देर रात छत्तीसगढ़ के बच्चों का पहला जत्था भी रोमानिया और पोलैंड के बॉर्डर पर पहुंच गया है। चेकपोस्ट पर भारी भीड़ की वजह से उन्हें सीमा के भीतर दाखिल होने में परेशानी आ रही है। दूतावास ने भरोसा दिलाया है कि यहां वे सुरक्षित हैं और जल्दी ही उन्हें एंट्री मिल जाएगी।

यूक्रेन में फंसे बच्चों की मदद के लिए नियुक्त छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी गणेश मिश्र ने बताया, सुबह उनके पास छत्तीसगढ़ के भुवन रायकवार और श्रेष्ठा नायर का फोन आया था। भुवन उस वक्त रोमानिया सीमा की चेकपोस्ट पर थे। वहीं श्रेष्ठा पोलैंड बॉर्डर के पास। उन लोगों ने बताया, उनको 15-15 के जत्थे में यहां तक लाया गया है। इनमें छत्तीसगढ़ के कुल कितने बच्चे हैं, इसका अंदाजा उनको भी नहीं है।

बॉर्डर पर भारी भीड़ होने की वजह से उन लोगों के सीमा पार करने में दिक्कत आ रही थी। उन लोगों ने यहां फोन कर मदद मांगी। हमने विदेश मंत्रालय को इसकी जानकारी दी है। भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया है, भीड़ की वजह से औपचारिकता पूरी करने में वक्त लग रहा है। जल्दी ही सभी को सीमा पार करा दिया जाएगा। वहां से विशेष विमान के जरिए सभी को वापस भारत लाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया, रोमानिया के बुखारेस्ट से एयर इंडिया का एक विमान पहले पहुंच गए विद्यार्थियों को लेकर थोड़ी देर पहले ही रवाना हुआ है। ऐसी ही व्यवस्था पोलैंड और हंगरी में भी की गई है।

केंद्र सरकार उठाएगी वापसी का पूरा खर्च
बताया जा रहा है, यूक्रेन से भारतीय विद्यार्थियों की वापसी का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी गणेश मिश्र ने बताया, अभी तक किसी उड़ान के लिए टिकट की डिमांड नहीं आई है। ऐसे में हम मानकर चल रहे हैं कि यह खर्च भारत सरकार उठा रही है। अगर खर्च की बात उठती है तो अपनी सरकार के साथ साझा कर व्यवस्था की जाएगी।

NACHA ने 1500 बच्चों का ब्यौरा जुटाया
बताया जा रहा है, अप्रवासी छत्तीसगढ़ियों की संस्था NACHA ने यूक्रेन में फंसे 1500 विद्यार्थियों का ब्यौरा जुटाया है। इसे सरकार को भी सौंपा गया है। संस्था स्थानीय एजेंटों के जरिए बच्चों को सुरक्षित वापसी की कोशिश में भी जुटी है। इसके लिए दूतावासों से समन्वय और बसों के साथ भोजन-पानी का भी इंतजाम किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने एक सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाया है, जिसके जरिए वे अपडेट साझा कर रहे हैं।

 

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