इंदौर। एमपी के ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में अनोखी सजा सुनाई. दरअसल, कोर्ट ने पत्नी की मारपीट करने वाले आरोपी पति को ऐसी सजा सुनाई, जो काफी चौंकाने वाला है. अदालत ने पति को एक महीने तक अपनी पत्नी के मायके में रहने के लिए कहा है. अदालत सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी पति दो साल के बेटे को लेकर ससुराल में रहेगा और इसके बाद इस मामले में अगली सुनवाई की जाएगी, जो 20 मार्च को की जाएगी.
बताया जा रहा है कि मुरैना जिले की रहने वाली गीता रजक की ससुराल ग्वालियर में है, जिसने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी और आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने उसे जबरन घर से निकाल दिया है. उसने बताया कि उसका 2 साल का बेटा भी है, जिसे पति ने जबरदस्ती अपने पास रख लिया हैं. तो वहीं पति गणेश रजक के वकील रवि चौधरी का कहना है कि महिला अपनी इच्छा से घर छोड़कर गई है .
कोर्ट ने जब पति से पत्नी को रखने के लिए कहा तो इस पर गीता ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो पति फिर उसके साथ मारपीट करेगा . ये सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पति गणेश को एक महीने के लिए बेटे के साथ ससुराल में रहने के लिए कहा. कोर्ट में गणेश के साथ ससुर को उसकी अच्छे से देखभाल करने का भी आदेश दिया है. इस दौरान गणेश के साथ उसक ससुर भी मौजूद थे. गीता के पिता ने इस हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वह उनका दामाद है और वह अच्छे से ख्याल रखेंगे.











