रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में शराबबंदी से पहले नशामुक्ति अभियान चलाएगी। इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने कवायद तेज कर दी है। राज्य और जिलास्तर पर नोडल अफसरों की नियुक्ति की गई है। अब हर गांव में भारत माता वाहिनी के गठन की तैयारी चल रही है। वाहिनी के गठन के लिए पहले चरण में दो हजार से अधिक जनसंख्या वाले करीब 10 हजार ग्राम पंचायतों का चयन किया जा रहा है।
राज्य में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में घोषणा की थी। लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हो सका। इसे लेकर विपक्ष की तरफ से उठने वाले सवालों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई बार स्पष्ट कह चुके हैं कि राज्य में शराबबंदी करेंगे, लेकिन यह नोटबंदी की तरह अचानक नहीं होगा। सीएम भूपेश की राय में शराब सामाजिक बुराई है, इसलिए शराबबंदी के लिए पहले जनजागरुकता जरूरी है। समाज कल्याणविभाग के अफसरों के अनुसार भारत माता वाहिनी लोगों को नशा के खिलाफ जागरूक करने का काम करेगी।
समाज कल्याणमंत्री अनिला भेंडिया ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों को नशे से दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसलिए भारत माता वाहिनी योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत और आश्रित गांवों में ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा कि वे नशा करने की लत छोड़ने विवश हो जाएं।
समाज कल्याणविभाग के अफसरों ने बताया कि शराब व्यसन मुक्ति अभियान के लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग-अलग समितियां बनाई जाएगी। समितियां कार्य योजना की निगरानी और नियंत्रण आदि का काम करेंगी।
बता दें कि शराबबंदी को लेकर सरकार ने राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों वाली कुल तीन समितियां बनाई हैं। इन समितियों की अब तक कुल पांच बैठकें हुई हैं। इसमें राज्य में क्रमिक शराबबंदी को लेकर विचार मंथन किया जा रहा है।











