घोषणा पत्र पर सरकार जब-जहां कहे, चर्चा के लिए तैयार : अजय चंद्राकर

रायपुर। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस और सीएम भूपेश बघेल को घोषणा पत्र पर चर्चा करने की चुनौती दी है। चंद्राकर ने यहां तक कहा है कि कांग्रेस के नेता जब-जहां कहें, वे चर्चा के लिए तैयार हैं। इस पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार किया है। शुक्ला ने पूछा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की 15 साल सरकार रही, तब उन्हें ओबीसी आरक्षण और युवाओं की क्यों याद नहीं आई। क्यों शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई। क्यों आउटसोर्सिंग से नियुक्तियां की जाती थी। इन सब विषयों पर भाजपा को जनता को जवाब देना चाहिए।

एकात्म परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान चंद्राकर ने आरोप लगाया कि रोजगार और आरक्षण दोनों ही मुद्दे पर राज्य सरकार मजाक कर रही है। नौजवानों से शराब बिकवाकर सरकार इसे ही रोजगार बता रही है। नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी सरकार की फ्लैगशिप योजना है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से कोई बजट प्रावधान ही नहीं किया है। हाल में जगदलपुर में सीएम की सभा में ओबीसी वर्ग के लोगों ने बहिष्कार किया था। 15 अगस्त 2019 के भाषण में आरक्षण की घोषणा की थी। तब सरकार ने अध्यादेश लागू करने की बात कही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस से जुड़े एक कार्यकर्ता कोर्ट चले गए। हाईकोर्ट के आदेश पर क्वांटिफाएबल डाटा आयोग बना।

आयोग का काम जब पूरा हो गया है तो हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तत्काल अध्यादेश जारी कर ओबीसी को 27%, एससी को 13% और सवर्ण के लिए 10% का आरक्षण लागू करना चाहिए। यदि आयोग की रिपोर्ट गलत है, तो इसे स्वीकार करना चाहिए। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में सोचने-समझने की शक्ति नहीं है। वामपंथी दिमाग के लोग कांग्रेस के थिंक टैंक हैं। सरकार को अपनी नक्सल नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

 

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