दो साल बाद भव्यता से निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, जानें महत्व

प्रसिद्ध जगन्ना​थ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) आज से शुरु हो रही है।यह 01 जुलाई से प्रारंभ होकर 12 जुलाई तक चलेगी।हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल जगन्ना​थ रथ यात्रा( rath yatra) का प्रारंभ आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से होता है। यह यात्रा कुल 09 दिन की होती है, जिसमें 7 दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर में रहते हैं।आज शाम 04:00 बजे से जगन्नाथ रथ यात्रा प्रारंभ हो जाएगी. भक्त 3 किलोमीटर तक इन रथों को खींचकर ले जाएंगे. सबसे आगे बलराम ( balram)जी का रथ तालध्वज, उसके बाद सुभद्रा जी का रथ दर्पदलन और फिर भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष होगा।

रथ दर्पदलन पर ‘छेरा पहरा’ की रस्म करेंगे

दोपहर 02:30 बजे से 03:30 बजे तकजगन्ना​थ मंदिर पुरी के गजपति दिव्यसिंह देव दोपहर 02:30 बजे भगवान जगन्नाथ के रथनंदीघोष, बलराम( balram) के रथ तालध्वज और सुभद्रा जी के रथ दर्पदलन पर ‘छेरा पहरा’ की रस्म करेंगे। यह रस्म 03:30 बजे तक चलेगी।

क्या है इतिहास ( history)

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार एक बार लाडली बहन सुभद्रा ने अपने भाइयों कृष्‍ण और बलराम से नगर देखने की इच्‍छा जताई थी। तब दोनों भाई अपनी प्‍यारी बहन को रथ में बैठाकर नगर भ्रमण के लिए ले गए थे। रास्‍ते में तीनों अपनी मौसी के घर गुंडिचा भी गए और यहां पर 7 दिन तक रुके और उसके बाद नगर यात्रा को पूरा करके वापस पुरी लौटे। कहते हैं कि तभी से यहां पर हर साल रथ यात्रा( rath yatra) निकालने की परंपरा का आरंभ हुआ था।

 

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