गृहग्राम के बजाए कारली में जवानों की अंत्येष्टि पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का सवाल, दंतेवाड़ा में क्या नक्सलियों की सरकार है?

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने दंतेवाड़ा नक्सली हमले में शहीद दो जवान दुलगों मंडावी और जोगा कवासी की अंत्येष्टी उनके गृह ग्राम में न कर दंतेवाड़ा में किए जाने पर सवाल उठाया है। धरमलाल कौशिक ने कहा कि नक्सलियों के डर से शहीद दो जवानों की अंत्येष्टी उनके गृह ग्राम में न कर दंतेवाड़ा में ही कर दिया गया। शहीद जवानों को उनके गांव की मिट्टी भी नसीब नही सकी।

धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार से पूछा है कि दंतेवाड़ा में प्रदेश सरकार का शासन चलता है कि नक्सलियों का राज है? आखिर नक्सलियों के डर से शहीद जवानों को उनकी मिट्टी तक नसीब नही हो पाई और सरकार ने नक्सलियों से सामने घुटने टेक दिए। धरमलाल कौशिक ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री कहते हैं कि छत्तीसगढ़ से नक्सल समस्या का खात्मा हो गया है वहीं दूसरी तरफ शहीद जवानों की उनके गृहग्राम में अंत्येष्टी हो सके राज्य सरकार इसकी भी व्यवस्था नही कर पा रही है जो शर्मनाक है।

गौरतलब हो कि दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण ब्लांक के मारजुम भीमापारा निवासी दुलगो मंडावी और बड़े गादम के रहनेवाले जोगा कवासी की दंतेवाड़ा नक्सली हमले में शहादत हो गई थी। लेकिन शहादत के बाद नक्सलियों ने फरमान जारी कर दोनो जवानों का शव गांव में लाने से मना कर दिया जिसके बाद प्रशासन से दोनो जवानों को पुलिस लाईन कारली के शांतिकुंज में ही अंतिम संस्कार कर दिया था।

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