सुप्रीम कोर्ट में उठा कुत्तों के हमलों का मामला, पट्टी बांधे पहुंचा वकील, सॉलिसिटर जनरल ने रखी ये मांग

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में हाल ही में कुत्ते के काटने से हुई एक बच्चे की मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था। कुत्ते के काटने की समस्या सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अप्रत्याशित तरीके से उठी जब एक वकील कुत्ते के हमले के बाद पट्टी बांधकर अदालत पहुंचा। सुनवाई के दौरान जब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील को पट्टी बांधने की वजह पूछी तो वकील ने जवाब में कहा, ‘मुझे पांच कुत्तों ने घेर लिया और काट लिया।’

इसके बाद सीजेआई ने पूछा, “कहाँ, तुम्हारे घर के पास?”। वकील ने ‘हां’ में उत्तर दिया। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने तुरंत सहायता की पेशकश की और पूछा कि क्या वकील को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हम आपको तुरंत अस्पताल ले जाने की व्यवस्था कर सकते हैं।”

वकील ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि इस गंभीर मामले पर सुप्रीम कोर्ट को कोई डायरेक्शन देना चाहिए क्योंकि अलग अलग हाईकोर्ट ने अलग-अलग फैसले दे रखे हैं। कोर्ट मे मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि ये एक गंभीर मामला है।

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लिए जाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद मे कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की रैबीज से हुई दर्दनाक मौत का मामला भी सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “यह एक गंभीर खतरा है। हाल ही में, उत्तर प्रदेश में एक बच्चे पर कुत्तों द्वारा हमला किए जाने का एक वीडियो सामने आया। हम आमतौर पर इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। रेबीज संक्रमण होने के बाद बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने कहा कि कुछ नहीं किया जा सकता और बच्चा अपने पिता की गोद में ही मर गया।”

चीफ जस्टिस ने एक और घटना भी साझा की। शीर्ष न्यायाधीश ने कहा, “दो साल पहले, मेरे लॉ क्लर्क अपनी कार पार्क कर रहे थे और सड़क के कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया था।” वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ से सड़क पर कुत्तों के हमलों की समस्या पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, “हम इस पर गौर करेंगे।” फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कोई आदेश नहीं दिया है।

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