जांजगीर–चांपा। कलेक्टर ने 335 शिक्षकों के वेतन काटने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए है। ये वो शिक्षक है जो लगातार बिना सूचना के स्कूल से नदारद रहते हैं।
कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिले का पदभार सम्हालते ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर स्कूली रिजल्ट व पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने लिए बैठक ली थी। बैठक में जब उन्हें पता चला कि बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट बेहद खराब है तब वे बेहद नाराज हुईं और स्कूल शिक्षा अधिकारियों पर जमकर बरसीं।
कलेक्टर ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बोर्ड परीक्षाओं में शत प्रतिशत परिणाम लाने के लिए कार्ययोजना बना कर काम करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर का स्पष्ट मानना है कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु शिक्षकों की स्कूलों में शत प्रतिशत उपस्थिति जरूरी हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि शिक्षक नियमित रूप से विद्यालयीन समय में उपस्थित रह कर यदि अध्यापन कार्य करवाएंगे तो ही स्कूलों के परिणाम में सुधार आ सकता है। उन्होंने अधिकारियों को शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति विद्यालयों में सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए है।
राजस्व अमले को भी लगाया निरीक्षण में
स्कूलों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा राजस्व अधिकारियों को भी लगाया और अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
सैकड़ों शिक्षक मिले गैरहाजिर
कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व अधिकारियों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विगत 8 अगस्त से 14 सितंबर तक शासकीय विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूलों से बिना किसी पूर्व सूचना के सैकड़ों शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। यही कारण है कि कलेक्टर ने ऐसे 335 शिक्षकों के वेतन में कटौती के निर्देश DEO को दिए हैं। कलेक्टर के इस आदेश के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।