टिकट घोषणा में जल्दबाजी नहीं, जिन्होंने जल्दी सूची निकाली, वहां बगावत के सुर – डिप्टी सीएम

रायपुर। अंबिकापुर में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची को लेकर कहा कि टिकट घोषणा में जल्दबाजी नहीं है, जिन्होंने जल्दी सूची निकाली, वहां बगावत के सुर हैं। कांग्रेस कोई जल्दबाजी नहीं कर रही है।

अभी प्रदेश इलेक्शन कमेटी के 90 विधानसभा सीट की स्पष्ट राय जब स्क्रीनिंग कमेटी के सामने आएगी, तब स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। अभी तो प्रदेश इलेक्शन कमेटी की ही बैठक चल रही है। वहां से स्क्रीनिंग कमेटी में जाएगा, फिर स्क्रीनिंग कमेटी सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजेगी।

सेंट्रल इलेक्शन कमेटी लिस्ट जारी करेगी

सिंहदेव ने बताया कि सेंट्रल इलेक्शन कमेटी लिस्ट जारी करेगी। जल्दी क्या है, जिन्होंने जल्दी सूची निकाली, वहां बगावत के सुर दिख रहे हैं। इसके बाद उनकी भी सूची नहीं आई।

मैं राजा नहीं, मतदाता बताएंगे परिवर्तन यात्रा का कितना असर- सिंहदेव

अंबिकापुर में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने राजा को तीन माह के लिए टॉफी पकड़ाने के बयान पर सिंहदेव ने कहा कि आजादी के बाद राजाओं की व्यवस्था समाप्त हो गई है। उनकी सद्भावनाओं के लिए धन्यवाद। सिंहदेव ने कहा कि भाजपा की परिवर्तन यात्रा का कितना असर होगा, मतदाता बताएंगे।

मीडिया में जो चर्चा है, वो अटकलें हैं – सिंहदेव

इसके अलावा सिंहदेव को पीएम मोदी की तारीफ पर फटकार लगाए जाने की खबरें मीडिया पर हैं। इस पर अंबिकापुर पहुंचे सिंहदेव ने कहा कि CWC के एक्सटेंडेड वर्किंग कमेटी की बैठक में मुझे भी बुलाया गया था।

बैठक की शुरूआत में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा था कि मिटिंग की कोई बातें सामने नहीं आनी चाहिए। अध्यक्ष के निर्देश के बाद भी जो भी बातें चर्चा में आ रही हैं, ये संभावनाओं के दायरे में हैं। शेष कोई बयान देना होगा तो वे अध्यक्ष खड़गे के संदर्भ में होंगे। जो बातें चर्चा में हैं, वे सिर्फ अटकलें हैं। सिंहदेव ने कहा कि बैठक के बाद संयोग से मिटिंग के बाद सोनिया गांधी से मुलाकात हो गई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे भी वहां थे। मैंने पूरी बात उनके संज्ञान में ला दी थी। सीडब्लूसी की बातें हैं वे जब तक अधिकृत रूप से सामने नहीं आती हैं, उन्हें संभावनाओं के दायरे में ही रखना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे पर उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि उनके आने से चुनाव में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। पीएम नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ में काम नहीं करना है। विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहेंगे। हां अगर प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ेंगे, तब कुछ फर्क पड़ सकता है।

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