हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. गणेश जी का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर से शुरू हुई थी
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर दिन को रात 10 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर गणेश विसर्जन 28 सितंबर, गुरुवार के दिन किया जाएगा. गणेश विसर्जन के साथ ही 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश उत्सव का समापन हो जाएगा
अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणपति की विदाई होती है
अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणपति की विदाई होती है. यह दिन विष्णु भक्तों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है. विष्णु भक्त भगवान अनंत की पूजा करके अनंत सूत्र यानि एक अनंत धागा अपने हाथ में बांधते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की कथा होती है. जो लोग इस दिन व्रत करते हैं वो कलश की भी स्थापना करते हैं. इस बार अनंत चतुर्दशी पूजा का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शाम 06 बजकर 49 मिनट तक है.
गणेश विसर्जन पर शुभ योग (Ganesh Visarjan Shubh Sanyog)
गणेश विसर्जन 28 सितंबर को सूर्योदय के बाद शुरू हो जाएगा. इस दिन भक्त गणपति बप्पा को खुशी-खुशी विदाई देते हैं और उनसे अगले साल फिर से आने की प्रार्थना करते हैं. इस बार गणेश विसर्जन पर रवि योग में होगा. 28 सितंबर को रवि योग सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा जो देर रात 01 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. रवि योग को बेहद प्रभावशाली योग माना जाता है. माना जाता है कि इस योग में किया गया कार्य शुभ फल वरदान करता है. इस शुभ योग में गणेश विसर्जन करने से सारे संकट दूर होंगे और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी.