RBI ने इस बड़े बैंक को बंद करने का लिया फैसला…कहीं आपका खात तो नहीं?

 New Delhi  RBI की तरफ से इन दिनों बैंकों को लेकर काफी सख्ती नजर आ रही है. अब रिजर्व बैंक ने एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई (RBI canceled license) ने एक और बैंक को बंद करने का आदेश दे दिया है, जिसके बाद में उस बैंक में खाता रखने वाले ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

किस बैंक का लाइसेंस हुआ रद्द?

आपको बता दें आरबीआई ने नासिक जिला गिरणा सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया. इसका कारण बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं का नहीं होना है. आरबीआई की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है.

बंद कर दी गई बैंकिंग सुविधाएं

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि लाइसेंस रद्द करने के परिणामस्वरूप, बैंक को तत्काल प्रभाव से ‘बैंकिंग’ व्यवसाय करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है.

कई और बैंकों को भी बंद करने का है प्लान

इसमें यह भी कहा गया कि महाराष्ट्र के आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.

परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा.

आरबीआई ने जारी किए आंकड़े

रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 99.92 फीसदी जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं.

सहकारी बैंक के पास नहीं है कमाई की संभावनाएं

डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमाकृत जमा राशि में से 16.27 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है.

रिजर्व बैंक ने कहा कि सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहा है.

द कपोल बैंक का भी रद्द हुआ है लाइसेंस

आपको बता दें हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुंबई के ‘द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ (The Kapol Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द किया है.

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं, जिसकी वजह से ही आरबीआई ने यह फैसला लिया है.

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