आज जारी होगा गोधन न्याय योजना की राशि…सीएम भूपेश बघेल करेंगे 9.65 करोड़ रुपये का भुगतान

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 6 अक्टूबर को अपने निवास कार्यालय रायपुर में गोधन न्याय योजना के ऑनलाईन राशि वितरण कार्यक्रम में योजना के हितग्राहियों के बैंक खातों में 9.65 करोड़ रूपए अंतरित करंेगे। जिसमें गोबर विक्रेताओं को 4.93 करोड़ रूपए, गौठान समितियों को 1.45 करोड़ रूपए, स्व-सहायता समूहों की 1.14 करोड़ रूपए की लाभांश राशि के साथ ही गौठान समिति के सदस्यों को 2.26 करोड़ रूपए की मानदेय राशि शामिल हैं। गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 579.18 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 6 अक्टूबर कोे 9.65 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 588.83 करोड़ रूपए हो जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौठानों में 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक क्रय किए गए 2.46 लाख क्विंटल गोबर के एवज में गोबर विक्रेताओं को 4.93 करोड़ रूपए का ऑनलाइन भुगतान करेंगे। गौठानों में अब तक 138.26 क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है, जिसके एवज में पशुपालन किसानों को 271.60 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 6 अक्टूबर को 4.93 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद गोबर क्रय के एवज में भुगतान की कुल राशि 276.53 करोड़ रूपए हो जाएगी। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 06 अक्टूबर को भुगतान की जाने वाली 2.46 करोड़ रूपए की राशि के बाद इनको होने वाले कुल भुगतान का आंकड़ा 280.04 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौरतलब है कि योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 2 किश्तों में लगभग 30 करोड़ रूपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि बोनस का भी भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री गौठान समिति के 42 हजार 808 सदस्यों को सितम्बर माह के मानदेय के रूप में 2.26 करोड़ रूपए की राशि भी जारी करेंगे।

गोबर खरीदी के मामले में गौठान समिति की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही

गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के मामले में गौठान समिति की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में निर्मित एवं संचालित 10224 गौठानों में से 6453 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर विक्रेताओं से गोबर क्रय कर रहे है। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 83 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है। 6 अक्टूबर को गोबर विक्रेताओं को भुगतान की जाने वाली राशि 4.93 करोड़ रूपए में से 3.25 करोड़ रूपए की राशि स्वावलंबी गौठानों द्वारा तथा 1.68 करोड़ रूपए का भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा।

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