भोपाल
शहर में कोरोना के मरीजों का ग्राफ निरंतर बढ़ रहा है। हर दिन 1 हजार से अधिक कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में कंटेंटमेंट जोन और होम आईसोलेट हुए मरीजों के मकान, दुकान और दफ्तर के अंदर कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक सैनेटाइजेंशन होना चाहिए, लेकिन इस काम को जिम्मेदार अफसरों ने मजाक बना रखा है।
अफसरों की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोग एक के बाद एक वायरस की चपेट में आ रहे है। शहर में इस वक्त 7875 मरीज होम आईसोलेट है। 100 से अधिक कंटेंटमेंट जोन है। इसके बावजूद हैंड मशीनों से सैनेटाइज का काम ठप है। कहीं ये मशीने गायब है, तो कहीं यह मशीने शोपीस बनी हुई है। जबकि 1.5 साल पहले वायरस को बेअसर करने के लिए नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च करके हैंड मशीनों को खरीदा था। प्रत्येक जोन में 20 मशीनें दी गई थी, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर में सैनेटाइजेंशन को लेकर जिम्मेदार अफसर बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहे है।
एसबीएम कार्यालय में नहीं हुआ सैनिटाइजेशन
निगम द्वारा जोन स्तर पर कराया जाने वाला सैनेटाइजेंशन का काम ठप है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आईएसबीटी स्थित निगम कार्यालय में पदस्थ चीफ सिटी इंजीनियर आरके सक्सेना कोविड पॉजिटिव हुए थे। उसके बावजूद जोन स्तर पर एसबीएम और बीसीएलएल कार्यालय में सैनिटाइजेंशन नहीं हुआ। यह जोन स्तर का काम था। जिससे सहायक स्वास्थ अधिकारी एएचओ द्वारा कराया जाना चाहिए था, लेकिन नहीं कराया गया।
यह है जिम्मेदार अफसर
नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग का दायित्व अपर आयुक्त पर है। इसके बाद हर जोन में सहायक स्वास्थ्य अधिकारी एएचओ पर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े काम काज का जिम्मा रहता है। जोन स्तर हैंड मशीन से सैनिटाइज करवाने का काम इनका है, लेकिन इसमे एएचओ लापरवाही बरत रहे हैं।
कोलार में हैंड मशीन से नहीं हो रहा सैनेटाइजेंशन
कोरोना के मामले में कोलार हॉट स्पॉट बना हुआ है। कोलार में 2643 एक्टिव केस हैं। इसके बावजूद जोन स्तर पर यहां पर सैनेटाइजेंशन नहीं हो रहा है। यही हाल गोविंदपुरा, टीटी नगर, एमपी नगर, ओल्ड सिटी समेत अन्य इलाकों का भी है। जहां मकान, दुकान और दफ्तार में हैंड मशीन से सैनेटाइज होना चाहिए, लेकिन जानबूझकर इस काम में लापरवाही बरती जा रही है।
ये केस आए सामने
- केस 1 – गोडल्न वेली हाइट् में चार कोरोना के केस है, लेकिन कहीं कोई सैनेटाइजेशन नहीं हुआ। यहां के रहवासी जोन 18 में सूचना दे चुके हैं।
- केस 2 – पैलेस आर्चेड कॉलोनी में एक दर्जन से अधिक कोरोना के केस निकले। लोगों ने एएचओ से कहा, लेकिन सैनेटाइज नहीं हुआ।
- केस 3 – दानिशकुंज कॉलोनी सात कोरोना के सात केस है, लेकिन सूचना देने के बावजूद कोरोना मरीज के मकानों को सैनेटाइज नहीं
- किया गया।