प्रदेश में पहली बार बिलासपुर में लगेगा कृत्रिम हाथ प्रत्यारोपण शिविर

राजनांदगांव
विकलांग व्यक्ति को हाथ मिल सके और वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी पुन: संचालित कर सके ज् इस ध्येय के साथ संस्था अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद अपने सहयोगी संस्था रोटरी क्लब आॅफ बिलासपुर के साथ अभिनव पहल करने जा रही है। दोनों संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से अब जिनके हाथ कोहनी से नीचे कटे हुए हैं उन्हें हाथ मिल पाएगा। कृत्रिम हाथ 'एलएन 4झ् जो कि यूएसए में निर्मित है, लोगों को नि:शुल्क लगाया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए संस्था ने अग्रिम पंजीयन भी प्रारंभ कर दिया है, पंजीयन होने के बाद शिविर का दिन निर्धारित कर सभी जरुरतमंदों को हाथ लगाया जाएगा।

कृत्रिम हाथ लगने के बाद लाभ इस प्रकार है, लाभार्थी कलम पकड़ सकेंगे, पीने के लिए प्याला, खाने के लिए प्लेट, पेट करने के लिए ब्रश और ड्राइव के लिए स्टेयरिंग पकड़ सकेंगे। संस्था ने विकलांग व्यक्ति की कटे हुए हाथ सहित फोटो एवं नाम तथा उसका मोबाइल नंबर संस्था द्वारा जारी किए सभी व्हाट्सएप पर शीघ्र ही मंगाया जिससे उनके चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सके। जरूरतमंदों तक उक्त संदेश को पहुंचाने संस्था द्वारा विकलांग सेवा सेना तैयार किया गया है जिसमें ग्राम सरपंच व ग्रामीण जुड़े हैं। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग से भी संपर्क किया जा रहा है। ज्ञात हो कि पहले अभा विकलांग चेतना परिषद ने पैर से विकलांग व्यक्तियों का नि:शुल्क कृत्रिम पैर प्रत्यारोपण भी कराया था।

200 उपकरण मंगाए गए
अभावि चेतना परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र राजू अग्रवाल ने बताया कि कृत्रिम हाथ प्रत्यारोपण का कैप छत्तीसगढ़ में पहली बार लगाया जा रहा है। इसके लिए अभी तक यूएसए की संस्था से 200 हाथ मंगाए गए हैं जो नि:शुल्क है। उसी कृत्रिम हाथ के लिए 200 सह उपकरण के लिए जामनगर गुजरात में संस्था द्वारा आर्डर भेजा गया है जिसमें लगभग 2 लाख का खर्च आएगा। शिविर गीता देवी रामचंद्र अग्रवाल विकलांग अस्पताल अनुसंधान एवं निशुल्क सेवा केंद्र सीपत रोड कोनी बायपास मोपका में लगाया जाएगा, जिसकी सूचना पंजीकृत व्यक्तियों को उनके मोबाइल नंबर पर दी जाएगी।

इन नंबरों पर करें संपर्क
राजनांदगांव जिला महामंत्री पवन लोहिया 094252 40470, संतोष अग्रवाल बालाजी हार्डवेयर 094255 60025 से संपर्क किया जा सकता है।

15 लाख का खर्च वहन करेगी संस्था
शिविर के दिन जामनगर की पूरी टीम सहायक उपकरण लेकर शिविर स्थल पहुंचेगी जहां लोगों के हाथों के नाप के हिसाब से पंजीकृत व्यक्तियों को हाथ लगाया जाएगा। शिविर में पहुंचे दिव्यंगजनों सहित उनके अटेंडर की रहने, खाने की व्यवस्था भी संस्था ही करेगी। इसके अलावा 200 से अधिक पंजीयन होने पर दोबारा कैंप लगाया जाएगा। पूरे कैप में लगभग 15 लाख का खर्च आएगा जिसका निवर्हन संस्था स्वयं करेगी। इस कृत्रिम हाथ का लाभ उन्हीं व्यक्तियों को मिल पाएगा जिनके हाथ कोहनी के 3 से 4 इंच के नीचे से कटी हो। उक्त जानकारी राजनादगांव के जिला महामंत्री पवन लोहिया ने एक विज्ञप्ति में दी।

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