महाराष्ट्र में चुनाव से कांग्रेस के झटका, इस पार्टी ने कर दिया किनारा?

महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन समाप्त होने में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने बुधवार को विवादास्पद सीटों को फिलहाल अलग रखने के लिए एक समझौता फार्मूला घोषित किया और राज्य की 288 सीटों में से 255 सीटों के लिए सीट बंटवारे का समझौता किया, जिसमें गठबंधन में शामिल तीनों दलों को 85 सीटें मिलेंगी। दो दिनों की मैराथन बैठकों के बाद भी 33 सीटों पर कोई फैसला नहीं हुआ है.

कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) दोनों ने 100 से ज़्यादा सीटों पर दावा ठोका है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। विदर्भ का मुद्दा अभी भी सुलझाया जाना है. इसके अलावा, मुंबई की सीटों पर फिर से बातचीत हो रही है. लोग सार्वजनिक तौर पर चाहे जो भी कहें, कोई भी मामला हल नहीं हुआ है.’ उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना (यूबीटी) बातचीत के दौरान ‘मुद्दे पैदा कर रही है.’

’15 सीटों को बांटने पर फैसला करना होगा.’

शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 33 में से 18 सीटें छोटे सहयोगियों के लिए हैं लेकिन तीन प्रमुख गठबंधन सहयोगियों को बाकी 15 सीटों को बांटने पर फैसला करना होगा. शिवसेना पदाधिकारी ने कहा, ‘अभी तक 15 सीटों पर कोई सहमति नहीं बनी है और अगले दो से तीन दिनों में इस पर फैसला हो जाएगा.’ इन 15 सीटों में से करीब 10 विदर्भ क्षेत्र की हैं, जबकि बाकी मुंबई महानगर क्षेत्र और नासिक में हैं.

‘हम गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं’

बुधवार शाम मुंबई में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके नेताओं ने दोहराया कि एमवीए एकजुट है. शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘हम गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं . हमने अब तक 270 सीटें साफ़ कर ली हैं और 85-85-85 के फॉर्मूले पर सहमति जताई है. हम कल अपने अन्य सहयोगियों से बात करेंगे जब बाकी सीटें भी साफ हो जाएंगी.’

‘कम 105 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.’

’85-85-85 फॉर्मूले’ को कांग्रेस द्वारा बड़ी हार के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, दिल्ली के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जोर देकर कहा कि सीटों का बंटवारा अभी अंतिम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी कीमत पर कम से कम 105 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.’

शरद पवार की एनसीपी (एसपी) अब कम से कम 85 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, अगर एमवीए 20 नवंबर को चुनाव जीतती है तो पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए एक गंभीर दावेदार बन जाएगी. पहले माना जा रहा था कि पार्टी करीब 75-80 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन बातचीत के दौरान वह इससे ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ पाई है.

तीनों दलों के नेता करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस

शिवसेना (यूबीटी), जिसने मंगलवार रात दावा किया था कि सभी मुद्दे सुलझ गए है. वहीं बुधवार सुबह सबको चौंका दिया जब राउत ने कहा कि पार्टी सीटों का ‘शतक’ बनाने में रुचि रखती है. सीटों के बंटवारे पर 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. आज शाम तक तीनों दलों के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. शिवसेना एक अनुभवी खिलाड़ी है, इसलिए उसे शतक बनाना ही होगा. लोगों को उम्मीद है कि शिवसेना सीटों और कुल मिलाकर जीत का शतक बनाएगी.

पूरे दिन कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के नेतृत्व ने अपने विवाद पर अलग-अलग टिप्पणियां जारी रखीं, जिससे संकेत मिलता है कि कोई समाधान नहीं निकला है.कांग्रेस के एलओपी विजय वडेट्टीवार ने दिन में पहले कहा, ‘आज, एमवीए में सीट बंटवारे का अंतिम फॉर्मूला तय हो जाएगा. हमने पांच सीटों पर फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है.’

एनसीपी (एसपी) के लिए 75-80 सीटों पर सहमति

बता दें कि मंगलवार को बैठक के बाद राउत ने घोषणा की कि बुधवार दोपहर को सीट बंटवारे के समझौते की घोषणा की जाएगी. सूत्रों के अनुसार, तीनों दलों ने कांग्रेस के लिए 100-105, शिवसेना (यूबीटी) के लिए 90-95 और एनसीपी (एसपी) के लिए 75-80 सीटों पर सहमति जताई थी. हालांकि, बुधवार को एमवीए नेताओं ने आम सहमति बनाने के लिए संघर्ष किया, जिससे समझौते की घोषणा में देरी हुई. शाम तक, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट सहित एमवीए नेताओं ने पवार के साथ बैठक की। बाद में राउत और शिवसेना के लोकसभा सांसद अनिल देसाई भी उनके साथ शामिल हुए। राउत ने कहा, ‘हमारी चर्चा के बाद, जहां हम 270 सीटों पर आम सहमति पर पहुंचे हैं, शरद पवार ने हमसे कहा कि हमें फॉर्मूले की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए.’

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