जोधपुर: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जोधपुर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी सफाई दी है और आरोप लगाया कि उसके खिलाफ साजिश रची जा रही है, जिसमें पुलिस भी शामिल है। जेल में बंद बिश्नोई ने स्पष्ट कहा कि वह किसी को धमकी देने या हत्या करने की स्थिति में नहीं हो सकता, क्योंकि वह वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है और जेल में मोबाइल फोन की सुविधा नहीं है।
लॉरेंस बिश्नोई ने शनिवार को जोधपुर के मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में कहा, “मैं जेल में बंद हूं, ऐसे में मैं किसी को धमकी कैसे दे सकता हूं या किसी की हत्या करवा सकता हूं? यह सब मेरे खिलाफ साजिश है। मेरे भाई अनमोल बिश्नोई को भी इस साजिश में फंसाया जा रहा है। जेल में मोबाइल नहीं होता है, ऐसे में वह किसी से बात कैसे कर सकता है। कुछ लोग सिर्फ मेरे नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस भी इस साजिश में पूरी तरह शामिल है।”
बिश्नोई ने यह बयान जैन ट्रैवल्स के मालिक मनीष जैन को धमकी देने और जान से मारने की कोशिश के मामले में दिया। इस मामले में जोधपुर पुलिस ने 2017 में नामजद एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों ने जैन के ऑफिस में फायरिंग की कोशिश की थी। हालांकि, उस समय जैन की किस्मत अच्छी रही और पिस्टल लॉक होने की वजह से फायरिंग नहीं हो पाई।
जांच में यह भी सामने आया था कि इस घटना से पहले, लॉरेंस गैंग ने जैन से रंगदारी की मांग की थी। इस संबंध में बिश्नोई ने अदालत में यह दावा किया कि वह जेल से इस तरह के किसी भी अपराध में शामिल नहीं हो सकता, और यह कि उसके नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। जब जज ने पूछा कि दोनों शूटर्स ने उनकी ओर से पैसों का लेन-देन किया था, तो बिश्नोई ने जवाब दिया कि जेल में मोबाइल नहीं होता, इसलिए वह किसी से बात नहीं कर सकता।
इसके अलावा, बिश्नोई ने पुलिस पर आरोप लगाए कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है और दबाव डालकर उनसे अपराध कुबूल करवाए जा रहे हैं। बिश्नोई के वकील संजय बिश्नोई ने भी मामले में बयान दिया और कहा कि ये सारे आरोप 2017 में जैन ट्रैवल्स के मालिक पर हमले के मामले से जुड़े हैं।
इससे पहले, लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग के गुर्गे देशभर में अपने रंगदारी के कॉल्स के लिए कुख्यात हो चुके हैं। गैंग की गतिविधियों में कारोबारी और प्रॉपर्टी डीलरों को धमकियां देकर करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूलने की खबरें सामने आई हैं। अगर पैसे नहीं दिए जाते, तो पहले फायरिंग की जाती है, और कई मामलों में हत्या तक की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हाल ही में, एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में भी अनमोल बिश्नोई का नाम सामने आया था।