स्मार्ट सिटी में जनप्रतिनिधि दरकिनार, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस…

रायपुर/छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर और रायपुर नगर निगम के सामान्य सभा और मेयर इन कौंसिल को नोटिस जारी किया है। आरोप है कि नगर निगम में स्मार्ट सिटी कंपनी बनाकर निर्वाचित संस्थाओं के अधिकार हड़पे हैं। इसे लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। मामले की अगली सुनवाई अब 14 फरवरी को होगी।

बिलासपुर के अधिवक्ता विनय दुबे की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और गुंजन तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें बिलासपुर और रायपुर नगर में कार्यरत स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनियों के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई है। साथ ही कहा है कि निर्वाचित नगर निगम के सभी अधिकारों और क्रियाकलाप का असंवैधानिक रूप से अधिग्रहण कर लिया गया है।स्मार्ट सिटी के वकीलों ने स्थगन हटाने की मांग की…
चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान स्मार्ट सिटी लिमिटेड के वकीलों ने याचिका पर दिए गए स्थगन आदेश हटाने और अंतिम सुनवाई करने की मांग की। इस दौरान डिवीजन बेंच ने नगर निगम के सामान्य सभा और मेयर इन कौंसिल को पूर्व में पक्ष रखने के लिए कहा गया था। लेकिन, विधिवत नोटिस जारी नहीं की गई थी। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर उन्हें पक्ष रखने कहा है।

निगम की अनुमति पर काम कर सकती है कंपनी…
केंद्र सरकार की ओर से इस याचिका के जवाब में यह माना गया कि ये स्मार्ट सिटी कंपनियां उन्हीं कार्यों को कर सकती है, जिसकी अनुमति नगर निगम से ली गई है। साथ ही इन कंपनियों के निदेशक मंडल में राज्य सरकार और नगर निगम के बराबर-बराबर प्रतिनिधि होने चाहिए। वर्तमान में इन दोनों कंपनियों के 12 सदस्यीय निदेशक मंडल में नगर निगम आयुक्त के अलावा कोई भी नगर निगम का प्रतिनिधि नहीं है। इसके विपरीत स्मार्ट सिटी कंपनियों की ओर से उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अधिकारिता की दलील दी जा रही है।

हाई कोर्ट के नोटिस के बाद नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने इसे स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों द्वारा मनमानी बताया है वही साफ तौर पर उनका कहना है बहुत ही खुशी की बात है कि देर सबेर जो विषय जनता के समक्ष आना था वह आया है हमारे बार-बार कहने के बावजूद हमारे ना महापौर इस ओर ध्यान दिया न जनप्रतिनिधियों ने नगरीय प्रशासन मंत्री ने इस ओर ध्यान दिया।पूरे नगरीय निकाय जो क्षेत्र है उसमे जो कार्य करने का अधिकार होता है वह नगर निगम का होता है.

क्षेत्र को स्मार्ट सिटी पूरा कब्जा कर लिया था. रायपुर शहर को अपना मालिक समझकर अनाप-शनाप कार्य स्मार्ट सिटी के माध्यम से हो रहा था. जबकि स्मार्ट सिटी में यह साफ है कि जनता की सुविधा के अनुरूप जन प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद ही कार्य करना है मगर अपनी मनमानी कर रही थी आज इसकी परिणति आपके सामने हैं कि हाईकोर्ट ने भी स्मार्ट सिटी के अधिकार को रखी थी पर सवाल उठाया है कि रायपुर नगर निगम सीमा के क्षेत्र में कोई भी संस्था कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से काम नहीं कर सकता स्मार्ट सिटी में जो मनमानी दिखाई है उसका परिणाम उनको भुगतना पड़ेगा।

वहीं नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने हाईकोर्ट से मिले नोटिस को लेकर कहा इसमें अभी नोटिस मिला है अभी मैं देखा नहीं हूं उसमें कुछ बोलना बहुत जल्दबाजी होगी मैं पहले उसको देख लूंगा हमारी विशेषज्ञ को पढ़ा लिया जाएगा उसके बाद उसमें बोलना ठीक रहेगा क्योंकि हाई कोर्ट का मामला है।

Share this news:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *