Budget 2025: बीमा क्षेत्र के लिए बजट में बड़ा एलान, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी

दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में बीमा क्षेत्र के लिए बड़ा एलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि पेंशन उत्पादों के नियामकीय समन्वय व विकास के लिए फोरम की स्थापना की जाएगी। केवआईसी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 2025 में संशोधित केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री शुरू की जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा, “आयकर के मामले में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि पहले विश्वास करें, फिर छानबीन करें। नया आयकर कानून अगले हफ्ते आएगा। बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को 74% से बढ़ाकर 100% किया जाएगा। इससे बीमा कंपनियां द्वारा ग्राहकों से मिलने वाली पूरी प्रीमियम राशि को भारत में ही निवेश कराना सुनिश्चित किया जा सकेगा। जन विश्वास बिल 2.0 के तहत 100 से ज्यादा प्रावधानों को अपराध के दायरे से हटाया जाएगा।”

बीमा कंपनियां आगामी केंद्रीय बजट में खरीदारों को कर लाभ देने और पॉलिसी बेचने के लिए प्रोत्साहन मांग कर रही थीं। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के अनुसार, 2023-24 में देश की बीमा पहुंच 2022-23 की 4 प्रतिशत की तुलना में 3.7 प्रतिशत रहेगी। जीवन बीमा उद्योग का विस्तार पिछले वर्ष के 3 प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 2023-24 के दौरान 2.8 प्रतिशत रह गया। गैर-जीवन बीमा उद्योग के मामले में यह आंकड़ा 2023-24 के दौरान 2022-23 की तरह 1 प्रतिशत पर ही बना रहा।

जी 20 के देशों में भारत में बीमा क्षेत्र की प्रीमियम वृद्धि मजबूत रहने की उम्मीद
पूर्व में जारी स्विस री की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2025-29 के दौरान औसतन 7.3 प्रतिशत प्रीमियम वृद्धि के साथ जी-20 में अग्रणी रहेगा और इस समूह में सबसे तेजी से बढ़ने वाला बीमा बाजार बन जाएगा। बजट से अपेक्षाओं के बारे में आईसीआरए लिमिटेड की उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख (वित्तीय क्षेत्र रेटिंग) नेहा पारिख ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की कमजोर सॉल्वेंसी स्थिति को देखते हुए, उनके पुनर्पूंजीकरण के लिए बजट में आवंटन की घोषणा सकारात्मक होगी। पारीख ने कहा, “बीमा क्षेत्र में कम पहुंच को देखते हुए सरकार पहुंच को प्रोत्साहित करने के लिए उपायों की घोषणा कर सकती है, विशेष रूप से कम आकार वाली पॉलिसियों के लिए।”

Share this news:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *