गुरु प्रदोष के दिन करें शिव पूजा, भोलेनाथ के आशीर्वाद से शत्रुओं का होगा नाश, जानें मुहूर्त

मार्च का प्रदोष व्रत 27 मार्च दिन गुरुवार को है. यह गुरु प्रदोष व्रत है. गुरु प्रदोष के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करते हैं. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है. गुरु प्रदोष की पूजा के लिए आपको 2 घंटे 20 मिनट का समय प्राप्त होगा. गुरु प्रदोष के दिन साध्य और शुभ योग बनेंगे. पूरे दिन शतभिषा नक्षत्र है. शुभ मुहूर्त में भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, चंदन, अक्षत्, गंगाजल, शहद, धूप आदि अर्पित करें. उसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें. उसके बाद गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनें. इस व्रत को करने से शिव कृपा प्राप्त होती है और शत्रुओं का नाश होता है. आइए जानते हैं गुरु प्रदोष की व्रत कथा और शुभ मुहूर्त.

गुरु प्रदोष व्रत 2025 मुहूर्त और शुभ योग
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 27 मार्च, तड़के 1 बजकर 42 मिनट से
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: 27 मार्च, रात 11 बजकर 02 मिनट पर
गुरु प्रदोष पूजा मुहूर्त: शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त: 04:43 ए एम से 05:30 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: 12:02 पी एम से 12:51 पी एम तक
साध्य योग: प्रात:काल से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक
शुभ योग: सुबह 9 बजकर 25 मिनट से 28 मार्च को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक
शतभिषा नक्षत्र: पूरे दिन

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