30 मुस्लिम परिवारों को समाज से निकाला

रायपुर । छत्तीसगढ़ के राजिम में 30 मुस्लिम परिवारों को इतेहाद कमेटी (राजिम) के अध्यक्ष ने समाज से बेदखल करवा दिया है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि इतेहाद कमेटी के अध्यक्ष अल्तमश सिद्दकी और उसके साथियों ने शिया बोलकर उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है।

वो 2021 से सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। समाज के लोग उनके साथ दावत, रिश्ता, सलाम-दुआ नहीं कर रहे हैं। मस्जिद और कब्रिस्तान जाने पर भी रोक लगा दी गई है। पीड़ित परिवारों ने गुरुवार को सीएम विष्णुदेव साय और छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज से शिकायत की है।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने मुतवल्ली और कमेटी के अध्यक्ष को नोटिस जारी करने और कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दाढ़ी-टोपी की आड़ में कुछ लोग धर्म की ठेकेदारी कर रहे हैं। उनके खिलाफ लगातार शिकायत आ रही है। कार्रवाई होगी।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड कार्यालय पहुंचे पीड़ितों ने दैनिक भास्कर को बताया, कि वो मुस्लिम कम्युनिटी के सुन्नी समुदाय से हैं। इसके बाद भी अल्तमश सिद्दकी और राजिम सदर सम्बीर रिजवी ने उन्हें शिया समुदाय के हो कहकर समाज से निकाल दिया। सम्बीर रिजवी 2021 से परेशान कर रहे हैं।

वहीं मौलाना सैय्यद मोहम्मद अशरफ ने बताया कि सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। शिकायतकर्ता और उनका परिवार कई साल से प्रताड़ना झेल रहा है। लखेर बिरादरी, मनियार समाज गरियाबंद की जमात ने मुतवल्ली की शिकायत की है। मैंने पीड़ितों की मदद की तो मुझे धमकी दी जा रही है।

वहीं मोहम्मद शादिक वारसी ने बताया कि मुतवल्ली ने फतवा जारी किया है। परिवार परेशान है। इसके चलते तनाव में मेरे भाई की मौत हो गई। खुद को इतेहाद कमेटी के अध्यक्ष बताने वाले अल्तमश सिद्दकी और उनके साथी यह कर रहे हैं। हमने शिकायत देकर फतवारी जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

इतेहाद कमेटी के अध्यक्ष अल्तमश सिद्दकी ने बताया कि शिया और सुन्नी लोगों में मतभेद है। ये जगजाहिर है। इसके बाद भी सुन्नी समाज के कुछ लोग शिया समाज के नियमों का पालन कर रहे थे। इनको बार-बार बोला गया, लेकिन वो नहीं माने।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने पीड़ितों की शिकायत पर नोटिस जारी करके मुतवल्ली से जवाब लेने और जांच करने की बात कार्रवाई करने की बात बोली है। डॉ. राज के अनुसार दाढ़ी-टोपी की आड़ में कुछ लोग धर्म की ठेकेदारी कर रहे हैं।

उनके खिलाफ लगातार शिकायत आ रही है। धर्मगुरु समाज के लोगों को एकजुट करने का काम करता है, उसे तोड़ने का नहीं। फतवा अगर जारी किया गया होगा, तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराएंगे।

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