मां बम्लेश्वरी मंदिर में सवा करोड़ रुपए के स्वर्ण कलश शिखर की स्थापना, सहस्त्र चंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति

राजनांदगांवः डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी मंदिर में सहस्त्र चंडी महायज्ञ का समापन हो गया है। इससे पहले नीचे मंदिर में स्वर्ण कलश शिखर की स्थापना की गई। इसके साथ ही भगवान गणेश और भैरव की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई है। इस दौरान गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज उपस्थित रहे।

मां बम्लेश्वरी मंदिर के स्वर्ण कलश शिखर में 198 किलो तांबे से बने कलश पर सोने का पत्तर लगाया गया है। इसकी कीमत करीब सवा करोड़ रुपए है। इससे पहले बुधवार को भगवान गणेश और भैरव की प्राण प्रतिष्ठा की गई। देवों को जड़ी-बूटी औषधियों, पंचामृत, पंचगव्य से वैदिक मंत्रों के द्वारा अभिमंत्रित गंगाजल, तीर्थ जल तथा समुद्र जल आदि से विशेष स्नान कराया गया।

गुरुवार को शंकराचार्य सरस्वती ने नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति और स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा के साथ सहस्त्र चंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति दी। इसके बाद उन्होंने धर्मसभा में धर्मोपदेश और आशीर्वाद दिया। गुप्त नवरात्रि के अवसर पर यहां बुधवार 2 फरवरी से सहस्त्र चंडी महायज्ञ शुरू किया गया था जो आज गुरुवार 10 फरवरी को समाप्त हो गया। महायज्ञ के दौरान 9 फरवरी को हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

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