मतदाता सूची विवाद : कांग्रेस ने 89 लाख नाम हटाने की शिकायतें दीं

पटना : बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बड़ा विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मसौदा मतदाता सूची में करीब 89 लाख नाम गलत तरीके से दर्ज किए गए हैं। पार्टी ने पिछले दो दिनों में जिलावार चुनाव अधिकारियों को बड़ी संख्या में शिकायतें सौंपी हैं।

लेकिन इस पर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) ने साफ कहा है कि शिकायतें तभी मान्य होंगी जब उन्हें निर्धारित प्रारूप और शपथपत्र (डिक्लेरेशन) के साथ दाखिल किया जाएगा।

सीईओ का बयान

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा –
“भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों ने पिछले 1–2 दिनों में बिहार के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को पत्र देकर मतदाता सूची से लगभग 89 लाख नाम हटाने का अनुरोध किया है। लेकिन ऐसी शिकायतें तभी विचार योग्य होंगी जब उन्हें निर्धारित फॉर्म और डिक्लेरेशन के साथ प्रस्तुत किया जाए।”

कांग्रेस की आपत्ति

कांग्रेस का कहना है कि यह मामला सीधा-सीधा मताधिकार पर हमला है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि मसौदा सूची से लाखों नाम गायब हैं और बड़ी संख्या में ‘फर्जी प्रविष्टियां’ जोड़ी गई हैं। यही कारण है कि कांग्रेस ने सामूहिक रूप से इतनी बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
इस पूरे मामले की जड़ बिहार में जारी मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान है। विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर लाखों नाम सूची से हटाए हैं। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में पटना में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का समापन भी हुआ, जहां महागठबंधन ने मताधिकार के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

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