स्कूल से घर लौट रहे थे बच्चे, आवारा कुत्तों ने 12 मासूमों को काट कर किया घायल

 बिहार – मंगलवार की शाम औराई थाना क्षेत्र के नयागांव में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब आवारा कुत्तों के झुंड ने स्कूल से घर लौट रहे मासूम बच्चों पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में 12 बच्चे घायल हुए, जिनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना ने एक बार फिर बिहार ही नहीं, पूरे देश में बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक को सुर्खियों में ला दिया है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया: “बच्चे पानी पी रहे थे, तभी हमला हुआ”

गांव के लोगों के मुताबिक, बच्चे स्कूल से लौटते समय रास्ते में एक नल पर पानी पीने रुके थे। तभी 6-7 कुत्तों का झुंड उन पर टूट पड़ा।

अखिलेश राय, ग्रामीण: “हमने लाठियों से कुत्तों को भगाया, नहीं तो कुछ बच्चों की जान जा सकती थी।”
संजू देवी, प्रत्यक्षदर्शी: “जब तक लोग मदद के लिए दौड़े, तब तक दर्जन भर बच्चों को बुरी तरह नोंच डाला गया।”

घायल बच्चों को तुरंत औराई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) ले जाया गया। चार बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर रेफर किया गया।
गंभीर रूप से घायल बच्चों में शामिल हैं: मोहम्मद इरशाद (12), प्रशांत कुमार (8), अनुराधा कुमारी (7), प्रियांशु कुमार (10)। अन्य 7 बच्चों का इलाज पीएचसी में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है।

बढ़ता खतरा: आवारा कुत्ते पूरे देश की समस्या

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना केवल स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की सार्वजनिक सुरक्षा चुनौती है। आवारा कुत्ते पूरे देश में तेजी से बढ़ती समस्या बन चुके हैं। भारत में अनुमानित 1.5 करोड़ से 6 करोड़ के बीच आवारा कुत्ते हैं, जो रोजाना हजारों लोगों पर हमले करते हैं। रेबीज़ से मौतों का 36% हिस्सा अकेले भारत में होता है। हर साल 1.7 करोड़ लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं (WHO डेटा)।2024 में अकेले देशभर में 37 लाख से अधिक डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए, जिनमें से कई बच्चों को निशाना बनाया गया। आवारा कुत्तों से फैलने वाली रेबीज बीमारी से हर साल हजारों लोगों की मौत होती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर समस्या को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह में शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। यह समस्या स्वास्थ्य सुरक्षा और जनजीवन के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है।


क्यों बढ़ रहा है आवारा कुत्तों का आतंक?

आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ने के कई वजहें हैं। पहली वजह इनके तेज़ प्रजनन की क्षमता है, जिससे उनकी संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। दूसरा, नगर पालिकाओं और प्रशासन की ओर से प्रभावी नसबंदी (ब्लिस्टर कंट्रोल) और टीकाकरण कार्यक्रमों का पूरा पालन नहीं हो पाना। तीसरा, शहरों के विस्तार और कूड़ा-कचरे की अधिकता कुत्तों के लिए भोजन का स्रोत बढ़ाती है। चौथा, लोगों द्वारा कुत्तों को डराना या सताना उनकी आक्रामकता को बढ़ाता है। इसके अलावा, कोरोना लॉकडाउन के दौरान भोजन की कमी से भी कुत्ते ज्यादा खूंखार हुए हैं। ये सभी कारण मिलकर आवारा कुत्तों के आतंक को बढ़ा रहे हैं।

आवारा कुत्तों के आतंक से निजात कैसे?

आवारा कुत्तों के आतंक से निजात पाने के लिए बहुस्तरीय कदम जरूरी हैं। सबसे पहले पशु जन्म नियंत्रण (ABC) और टीकाकरण कार्यक्रम को तेज़ी और पारदर्शिता से लागू करना होगा। कचरा प्रबंधन सुधरना बेहद अहम है, क्योंकि खुले कचरे से ही उनकी संख्या और आक्रामकता बढ़ती है। स्थानीय निकायों को कुत्तों के लिए शेल्टर होम और गोद लेने की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही, लोगों को जागरूक कर जिम्मेदारी से खाना खिलाने और काटने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की जानकारी देनी होगी। कानून के सही पालन और सामुदायिक सहयोग से ही इस समस्या पर स्थायी नियंत्रण संभव है।

Share this news:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *