आत्मसमर्पित 105 नक्सलियों का बना मनरेगा रोजगार जॉब कार्ड

रायपुर। मुख्यमंत्री साय की मंशा के अनुरूप राज्य में मुख्यधारा से जुड़कर शांति का मार्ग अपनाने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में सुकमा जिला प्रशासन ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को स्थायी आजीविका से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 105 आत्मसमर्पित नक्सलियों के मनरेगा जॉब कार्ड तैयार कर वितरित किए हैं। इस पहल के लिए जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन मंत्री केदार कश्यप ने जिला प्रशासन को बधाई दी है।

मनरेगा के तहत जॉब कार्डधारी को रोजगार
सुकमा जिला कलेक्टर के निर्देश पर तथा जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में पुनर्वास केंद्र में विशेष शिविर आयोजित किया गया, जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभों से आत्मसमर्पित नक्सलियों को जोड़ा गया। मनरेगा के तहत जॉब कार्डधारी परिवारों को उनके ही गांव में 100 दिनों का वैधानिक रोजगार उपलब्ध कराया जाता है तथा दैनिक 261 रुपये मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाता है।

आत्मसमर्पित 105 लोगों को मिला रोजगार का अधिकार
शिविर में मौजूद सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों ने योजना का लाभ लेने एवं जॉब कार्ड बनवाने में रुचि दिखाई। प्रशासन की पारदर्शी प्रक्रिया के फलस्वरूप कुल 105 आत्मसमर्पित नक्सलियों जिसमें 62 पुरुष और 43 महिला शामिल हैं, उनके जॉब कार्ड तैयार कर उन्हें वितरित किए गए।

पुनर्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने अनेक हितग्राहीमूलक कार्य

पुनर्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिविर में आजीविका डबरी निर्माण, बकरी शेड, मुर्गी शेड और सूअर शेड आदि हितग्राहीमुखी कार्यों की भी जानकारी दी गई। इन योजनाओं से आत्मसमर्पित युवक-युवतियों को भविष्य में स्थायी आय के साधन विकसित करने में मदद मिलेगी। शिविर के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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