भूमि मूल्यांकन प्रक्रिया में एक और बड़ा कदम,पेरी-अर्बन व अन्य ग्रामों में वर्ग मीटर दर समाप्त

रायपुर। राज्य सरकार ने भूमि मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पेरी-अर्बन ग्रामों एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लागू वर्ग मीटर दर को पूर्णतः समाप्त कर दिया है। अब ग्रामीण एवं अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में भूमि का मूल्यांकन केवल हेक्टेयर दर के आधार पर किया जाएगा। इस फैसले से आम नागरिकों, किसानों और भू-धारकों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।

पहले इस तरह की थी व्यवस्था

पूर्व व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर तक की भूमि का मूल्यांकन वर्ग मीटर दर से तथा 500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि का मूल्यांकन हेक्टेयर दर से किया जाता था। चूंकि वर्ग मीटर दर, हेक्टेयर दर की तुलना में अधिक होती थी, इसलिए कम क्षेत्रफल वाली भूमि पर अधिक मूल्य और मुआवजा देय हो जाता था, जबकि बड़े क्षेत्रफल की भूमि पर अपेक्षाकृत कम। यह एक बड़ी विसंगति थी, जिसे समाप्त करते हुए सरकार ने अब सभी ग्रामीण भूमि के लिए एक समान हेक्टेयर आधारित मूल्यांकन व्यवस्था लागू की है।

जमीनों का न्यायसंगत मिल सकेगा मुआवजा

इस निर्णय से भू-अर्जन प्रकरणों में अब भूमि के वास्तविक क्षेत्रफल के अनुरूप न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा। उदाहरण के तौर पर बालोद जिले के ग्रामीण क्षेत्र देवारभाट में पूर्व व्यवस्था के तहत 500 वर्ग मीटर भूमि का मूल्यांकन 9 लाख 25 हजार रुपये किया जाता था, जबकि 1000 वर्ग मीटर (0.10 हेक्टेयर) भूमि का मूल्यांकन केवल 3 लाख 67 हजार रुपये होता था। नई व्यवस्था में वर्ग मीटर दर समाप्त होने के बाद 500 वर्ग मीटर भूमि का मूल्यांकन 6 लाख रुपये तथा 1000 वर्ग मीटर भूमि का मूल्यांकन 12 लाख रुपये किया जा रहा है, जो पूरी तरह तर्कसंगत और न्यायसंगत है।

स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क में आएगी कमी

वर्ग मीटर दर समाप्त होने से स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क में भी उल्लेखनीय कमी आई है। भूमि का मूल्यांकन अब वास्तविक और किफायती दरों पर होने से रजिस्ट्री की कुल लागत घट रही है। इससे ग्रामीण एवं पेरी-अर्बन क्षेत्रों में भूमि खरीदना आम नागरिकों के लिए अधिक सुलभ हो गया है।

सरकार के इस फैसले से किसानों, भू-धारकों और आम खरीदारों को अनावश्यक अतिरिक्त खर्च से राहत मिलेगी। साथ ही भूमि लागत कम होने से रियल एस्टेट, आवास निर्माण और विकास कार्यों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मूल्यांकन प्रक्रिया के सरलीकरण से नियमों की जटिलता कम हुई है और आमजन के लिए प्रक्रिया अधिक सहज एवं पारदर्शी बनी है।

Share this news:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *