रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोल लेवी स्कैम मामले में EOW ने सोमवार (15 दिसंबर) को सौम्या चौरसिया के निज सचिव जयचंद कोसले के खिलाफ 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।
सौम्या चौरसिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रह चुकी हैं। चार्जशीट में दावा किया गया है कि जयचंद को वसूली के लिए सीएम हाउस तक ले जाया जाता था और सौम्या के कहने पर वह फाइलों पर सीएम से साइन करवा देता था। वसूली के लिए उसे शासन से सीजी 02 नंबर की दो गाड़ियां भी दी गई थीं।
ACB की जांच में सामने आया कि 25 जून 2019 से 31 जनवरी 2020 तक सिंडिकेट के सदस्यों ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर अवैध वसूली की योजना बनाई। बातचीत में कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस विधायक, आईएएस अफसरों और अन्य लोगों के लिए अलग-अलग कोडवर्ड रखे गए। पैसों के लिए ‘गिट्टी’ करोड़ और ‘रेती’ लाख के लिए प्रयोग होता था, जबकि ‘गिरा’ या ‘इन’ का मतलब था कि पैसा आ गया।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सिंडिकेट ने ट्रांसपोर्टरों और व्यवसायियों को धमकाकर अवैध वसूली की। FIR के अनुसार 2020-22 के बीच 540 करोड़ की उगाही की गई, जबकि EOW-ACB जांच में 253 करोड़ से ज्यादा की वास्तविक वसूली सामने आई। यह पैसा सिंडिकेट के सदस्यों के बीच बांटा गया और प्रॉपर्टी खरीदने में इस्तेमाल किया गया।
चार्जशीट में यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय और निवास से महत्त्वपूर्ण फाइलों का मूवमेंट, सुरक्षित परिवहन और हस्ताक्षर करवाना जयचंद के जिम्मे था। 1500 पन्नों की चार्जशीट में वॉट्सऐप चैट, ग्रुप एक्टिविटी और तीन IPS अफसरों के नाम भी शामिल हैं। कोल लेवी स्कैम ने राज्य के प्रशासनिक ढांचे में भ्रष्टाचार और सत्ता के नजदीकी लोगों द्वारा पैसों की अवैध वसूली की गंभीर तस्वीर उजागर की है। जांच जारी है और आगे की कार्रवाई पर सभी की नजर है।











