रूस के हमले के बाद यूक्रेन ने एयर स्पेस बंद किया, स्टूडेंट्स को एयरपोर्ट से लौटाया

रायपुर। युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के बच्चों के वापसी का रास्ता बंद हो गया है। रूस की सेनाएं यूक्रेन में घुस चुकी हैं। हवाई ठिकानों पर मिसाइल हमले हुए हैं। ऐसे में यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। भारत वापसी के लिए विमान पकड़ने गए स्टूडेंट्स को स्थानीय प्रशासन ने हवाई अड्‌डे से ही लौटा दिया।

बताया जा रहा है, भारतीयों को लेने जा रहे एयर इंडिया के विमान को यूक्रेन में घुसने की इजाजत नहीं मिली और वह वापस लौट रहा है। यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने कीव हवाई अड्‌डे को भी खाली करा लिया है। यानी अब कीव से नागरिक विमानों की आवाजाही नहीं हो पाएगी। भारत सरकार इसी हवाई अड्‌डे से अपने नागरिकों को निकालने के लिए विशेष विमानों का संचालन कर रही थी। यूक्रेन मामले में स्टूडेंट्स की वापसी में मदद के लिए छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी गणेश मिश्रा ने बताया, घोषित तौर पर युद्ध शुरू होने के बाद वहां स्थितियां टाइट हो गई हैं। हवाई अड्‌डे पर पहुंचे स्टूडेंट को वहां के प्रशासन ने भीतर जाने से रोक दिया है। इसकी वजह से उनको अपने यूनिवर्सिटी परिसरों और ठिकानों की ओर वापस लौटना पड़ रहा है। आगे उनकी वापसी कैसे होगी विदेश मंत्रालय इस पर काम कर रहा है। जल्दी ही उसके बारे में जानकारी दी जाएगी।

विदेश मंत्रालय पहुंचे छत्तीसगढ़ के अधिकारी
बदली हुई परिस्थितियों में स्टूडेंट्स तक बेहतर मदद पहुंचाने की कोशिश में छत्तीसगढ़ के अधिकारी विदेश मंत्रालय पहुंच गए हैं। नोडल अधिकारी गणेश मिश्रा ने बताया, वे कंट्रोल रूम पहुंच रहे हैं। यहां अधिकारियों से यह जानने की कोशिश होगी कि कीव स्थित भारतीय दूतावास की कैसी भूमिका होनी है। विदेश मंत्रालय मदद के लिए जो योजना बनाएगा उसके साथ समन्वय किया जाएगा।

दूतावास ने कोई नया निर्देश जारी नहीं किया
इधर, कीव स्थित भारतीय दूतावास ने वहां फंसे भारतीय विद्यार्थियों के लिए कोई नया निर्देश जारी नहीं किया है। 20 फरवरी को जारी उनकी अंतिम एडवाइजरी में विद्यार्थियों से कहा गया है कि वे स्टूडेंट कॉन्ट्रैक्टर के संपर्क में बने रहें ताकि विशेष विमानों की आवाजाही संबंधी अपडेट मिलती रहे। विद्यार्थियों को दूतावास की वेबसाइट, फेसबुक पेज और ट्विटर पेज को देखते रहने की सलाह दी गई थी। विद्यार्थियों को दूतावास में पंजीयन कराने को भी कहा गया है। इसमें यूक्रेन में उनके संस्थान, रिहायस से लेकर भारत में उनके मूल राज्यों और पतों तक की जानकारी मांगी गई है।

 

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