राजीव गांधी गोद ग्राम कुल्हाड़ीघाट पर मंडरा रहा है मानव तस्करों की काली छाया , बड़ी संख्या मे कमार जनजाति के ग्रामीणों ने कर गए पलायन

मैनपुर। एक पखवाड़े पहले गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर के पहाड़ी गांव अमली मे पलायन की खबर के बाद प्रशासनिक अमला गांव मे पहुंचकर अनेक तरह के विकास कार्य करवा रहे है और ग्राम अमली की पलायन की आग अभी बूझी भी नही है और मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 18 किमी दूर ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट से बड़ी संख्या मे विशेष पिछड़ी कमार जन जाति के ग्रामीणो के पलायन कर आंध्रप्रदेश र्के इंट भट्टो मे मजदूरी करने की जानकारी ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के सचिव प्रेम ध्रुव द्वारा 66 विशेष पिछड़ी जन जाति कमार आदिवासियो के पलायन कर जाने की लिखित रिपोर्ट जनपद पंचायत मैनपुर कार्यालय मे सौपा गया है जिसके बाद प्रशासनिक अमला मे हड़कंप मच गया है।

इस पलायन की जमीनी हकीकत जानने जब हमारे हमारे मैनपुर रिपोर्टर कुल्हाड़ीघाट पहुंचे तो पता चला कुल्हाड़ीघाट ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम गंवरमुंड़, बेसराझर, कुर्वापानी, मटाल, ताराझर, देवडोंगर एवं कुल्हाड़ीघाट ग्राम के 100 से ज्यादा ग्रामीण पलायन कर आंध्रप्रदेश तीन माह पहले नवम्बर 2021 मे ही चले गए है और आंध्रप्रदेश के इंट भट्टो मे काम करने के बाद ग्रामीण आठ माह बाद वापस आयेंगे। यहां यह बताना लाजमी होगा कि ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट एवं आश्रित ग्रामो मे रोजगार की कोई कमी नही है यह राजीव गांधी गोदग्राम होने के कारण यहां के ग्रामीणो के लिए मनरेंगा योजना के तहत पर्याप्त रोजगार के साधन उपलब्ध है उसके बावजूद भी क्यो यहां के ग्रामीण पलायन कर आंध्रप्रदेश गए इस संबंध मे स्थानीय ग्रामीणो का कहना है मजदूरो के दलाल इस क्षेत्र मे जुलाई और अगस्त माह मे सक्रिय हो जाते है और एक -एक परिवार मे एकमुस्त 30 से 40 हजार रूपए नगद राशि देकर ग्रामीणो को अपने जाल मे फंसाते है और उड़ीसा पहाड़ी रास्ते कांटाभांजी, बोड़ेन होते हुए आंध्रप्रदेश र्के इंट भट्टो तक ले जाते है।

मानव तस्कर इतने सक्रिय है कि उनके द्वारा ग्रामीणो को एक मुश्त पैसा देकर पहले लालच देते है और फिर अपने जाल मे फंसाते है यह बात यहां के ग्रामीणो के द्वारा बताई गई है। पलायन के संबंध में जब हमने ग्राम पंचायत कुल्हड़ीघाट के पूर्व सरपंच बनसिंग सोरी से चर्चा किया तो उनका कहना था कि यहां रोजगार की कोई कमी नहीं है सरकार द्वारा पर्याप्त रोजगार मूलक कार्य खोले गए हैं। उन्होंने हमे बताया कि मजदूर दलाल जुलाई और अगस्त माह में चुपके से आते है और ग्रामीणों को नगद 30-40 हज़ार एक मुश्त राशि देने का लालच देकर उनको पलायन करने उकसाते हैं और ग्रामीण भी जरूरत के समय एक मुश्त राशि मिलने के लोभ में उनके साथ दूसरे राज्य पलायन कर जाते है।पूर्व मे मजदूर दलालो के खिलाफ थाना मे शिकायत भी किया गया है पलायन को रोकने के लिए मजदूर दलालो पर लगाम कंसने की जरूरत है।

सरकारी कामों में तुरंत राशि नहीं मिलना भी पलायन की वजह हमारे रिपोर्टर ने ग्रामीणों से चर्चा किया तो उनका कहना था कि यहां काम का कोई आभाव नहीं हैं यह सच है पर यह भी उतना सच है कि सरकारी कार्यों में मजदूरों को हप्तो चक्कर लगाने के बाद उन्हें राशि मिलती हैं, अगर तत्काल मजदूरी राशि मिल जाए तो शायद ही कोई पलायन करेगा। ग्रामीणों का कहना था कि जब पैसे की हमे जरूरत होती हैं और कहीं से उम्मीद नज़र नहीं आती है तब मजबूरी में ग्रामीण मजदूर दलालों के जाल में फंसते हैं।

आंगनबाड़ी सहायिका और स्कूल के सफाई कर्मी भी पलायन कर गए है
ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के आश्रित ग्राम गंवरमुंड़ मे चौकाने वाला मामला सामने आया है यहां आंगनबाड़ी मे कार्यरत सहायिका पनकीन बाई और उसके पति जो स्कूल के सफाई कर्मी है चमार सिंह वह भी पलायन कर आंध्रप्रदेश ईंट भट्टे चले गये है।

मां को नहीं है बेटी के मौत की ख़बर
गंवरमुंड गांव में ही एक ऐसी चौकाने वाली ख़बर मिली यहां की सुखबती कमार नवम्बर मे अपने दो छोटे बेटियो को अपने रिश्तेदार के घर छोड़कर आंध्रप्रदेश पलायन कर चली गई। सुकबती की छोटी बेटी कक्षा पहली की छात्रा कुमारी धन्ती की दिसम्बर माह मे अचानक तबीयत खराब होने से उसकी मौत हो गई और उसकी मां जो पलायन कर आंध्रप्रदेश गई है उसे पता भी नही है । बताया जाता कि जब 2 -3 वर्ष पहले सुखबती पलायन कर आंध्रप्रदेश गई थी तब उसके पति डुमरसिंह का भी निधन हो गया था।

पलायन ग्रामीणो के आदत मे शामिल-सचिव
ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के सचिव प्रेम ध्रुव ने इस संबंध मे छत्तीसगढ़ क्राइम्स को बताया कि ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के सभी आश्रित ग्रामो मे बहुत ज्यादा रोजगार मूलक कार्य चल रहे है और इसके बाद भी यदि ग्रामीण पलायन कर रहे है तो यह उनके आदतो मे शामिल है। उन्होने आगे बताया पिछले बार जब पलायन कर चले गये थे तो वे स्वयं अधिकारियो के टीम के साथ आंध्रप्रदेश जाकर ग्रामीणो को वापस लाया था।

क्या कहते है जनपद सीईओ
जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रूपकुमार ध्रुव ने कहा ग्राम पंचायत के सचिव के माध्यम से पता चला है 66 कमार जन जाति के लोग पलायन कर आंध्रप्रदेश चले गये है जबकि कुल्हाड़ीघाट ग्राम पंचायत मे हर तरह के विकास कार्य हो रहे है।

कांग्रेस सरकार पलायन रोकने नाकाम-भाजपा
भाजपा मंडल अध्यक्ष दुलार सिन्हा ने कहा जब से प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार बनी है सिर्फ हवा हवाई काम चल रहा है जमीनी स्तर पर कुछ नही हो रहा है यदि ग्रामीणो को गांव मे रोजगार मिलेगा तो वे पलायन क्यो जायेंगे। श्री सिन्हा ने कहा पूरे प्रदेश

से रोजगार के अभाव मे पलायन हो रहा है और उसे रोकने राज्य सरकार नाकाम है।

 

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