10 मार्च से लगेगा होलाष्टक, इस दौरान भूलकर भी न करें ये वर्जित काम

रायपुर। होली से पहले इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है क्योंकि होली जलने से पहले के 8 दिन पौराणिक मान्यताओं में अशुभ माने जाते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्ट होता है, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक रहता है। जब फाल्गुन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन होता है तो इसी के साथ होलाष्टक भी खत्म हो जाता है और फिर अगले दिन होली खेली जाती है।

होलाष्टक 2022 की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2022 में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 मार्च गुरुवार को प्रातः 02:56 से प्रारंभ हो रही है। यह तिथि 11 मार्च को सुबह 05.34 बजे तक मान्य होगी और अष्टमी तिथि 10 मार्च को सुबह शुरु हो रही है, इसलिए होलाष्टक भी 10 मार्च को सुबह 05:34 बजे से शुरू हो जाएगा।

होलाष्टक 2022 का समापन समय

होलाष्टक का समापन होलिका दहन या फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होता है। ऐसे में फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 17 मार्च गुरुवार दोपहर 01.29 बजे से शुरू हो रही है जो अगले दिन शुक्रवार 18 मार्च को दोपहर 12.47 बजे तक वैध है। 17 तारीख को पूर्णिमा दिखाई देगी और होलिका दहन देर रात को संपन्न होगा। यहीं कारण है कि होलाष्टक 17 मार्च को समाप्त होगा।

18 मार्च को रखा जाएगा फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत

फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत इस साल 18 मार्च को रखा जाएगा। यदि आपके घर में कोई शुभ कार्य संपन्न करना है तो फाल्गुन पूर्णिमा के बाद ही करें। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से जरूर सलाह कर लें।

होलाष्टक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम

– होलाष्टक के दौरान शेविंग, नामकरण, उपनयन, सगाई, विवाह आदि जैसे संस्कार बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

– होलाष्टक के दौरान गृह प्रवेश, नए घर की खरीदी, संपत्ति के सौदे और नए वाहनों की खरीदी से भी बचना चाहिए।

– इसके अलावा होलाष्टक के दौरान कोई नया काम या नया व्यापार शुरू करने से भी बचना चाहिए। किसी भी मांगलिक कार्य की शुरू होलाष्टक के बाद ही करें।

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