शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित किया जाता है। ये सूर्य और छाया के पुत्र हैं, सूर्यदेव की तरह इन्हें भी देव और ग्रह दोनों का दर्जा प्राप्त है। शनि को बहुत ही क्रूर माना जाता है लेकिन ये मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं और संतुलन स्थापित करते हैं। ये एक राशि से दूसरी राशि में बहुत ही धीमी गति से भ्रमण करते हैं इसलिए इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है।
दीपक में डालें काले तिल
शनिवार के दिन शनि देव के दिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि दीपक में काले तिल अवश्य डालें।
हनुमान मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
लोहा का दीपक जलाएं
लोहा धातु में शनि देव का वास होता है। शनिवार और मंगलवार के दिन लोहे के दीपक में सरसों का तेल डालकर उड़द की दाल का आसन चारों तरफ देकर जलाएं। ऐसा करने से व्यक्ति का दुर्घटना से बचाव होता है।
मिट्टी का दीपक जलाएं
शनिवार को मिट्टी का दीपक जलाने से शनि और मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि एक बार जलाने के बाद इस दीपक का फिर से प्रयोग ना करें।