गोबर बेचकर प्राप्त आय से खरीदी जर्सी गाय….आमदनी बढ़ने से बच्चों की शिक्षा में दे रहे है विशेष ध्यान

गोबर बेचकर प्राप्त आय से खरीदी जर्सी गाय

आमदनी बढ़ने से बच्चों की शिक्षा में दे रहे है विशेष ध्यान

बेमेतरा, प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजना गोधन न्याय योजना से गौपालकों एवं किसानों के लिए गेमचेंजर साबित हो रही है। यहां के किसान गोबर बेचकर सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं। राज्य के भूमिहीन मजदूरों, गौपालकों, किसानों, गौठान समितियों, गौशाला और महिला समूहों के लिए यह योजना लाभकारी साबित हो रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य सरकार किसानों से गोबर खरीद रही है, जिससे किसानों की कमाई हो रही है और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के साथ साथ आय के अन्य स्रोतों में इजाफा हो रहा है।
इसी क्रम में गोधन न्याय योजना से बेमेतरा जिले के ग्राम भांड़ (रामपुर) के लघु कृषक परिवार के जीवन शैली में भी बदलाव आया। किसान राकेश यादव ने बताया कि गोधन न्याय योजना शुरु होने से पहले घर के मवेशियों के गोबर का कोई हिसाब-किताब नही था, न ही गोबर एकत्र करने में कोई खास रुचि थी। गोबर को सिर्फ घुरवा में डाल दिया जाता था। मगर गोधन न्याय योजना प्रारंभ होने से मवेशियों के गोबर का महत्व बढ़ गया है, अब वे अपने कुल 20 मवेशियों का गोबर गांव के गौठान में नियमित रूप से बेच रहे हैं और 15 दिवस के भीतर उनके बैंक खाते में पैसे भी आ रहे हैं। जिससे उनकी आमदनी अच्छी हो रही है एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
अब तक कृषक राकेश यादव ने 22684 किलो गोबर बेचा है और उससे 45368 रुपये उनके खाते में आ चुके हैं। इस रुपये से सबसे पहले राकेश यादव ने एक अच्छी नस्ल की जर्सी गाय खरीदा। यह गाय औसतन 8 से 10 लीटर दूध प्रतिदिन देती है, जिससे मासिक 12 हजार से 15 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। कृषक राकेश यादव के परिवार मे खेती की जमीन कम होने से वे खेती किसानी में खास रुची नहीं लेते थे, लेकिन गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की बिक्री से आमदनी होने पर इन्होने कृषि भूमि लीज में ली और खेती करना प्रारंभ किया। जिसमें वे 6 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से वर्मी खाद का प्रयोग किया और उपज में वृध्दि प्राप्त की। इस प्रकार घर की आमदनी बढ़ने से बच्चों की शिक्षा में विशेष ध्यान दिया गया और परिवार अब खुशहाली से जीवन व्यतित कर रहे हैं। राकेश यादव और उसका परिवार खुश होकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद करते है, जिनके कारण आज राकेश यादव का पुरा परिवार कृषि से हटकर अन्य स्त्रोतों से भी मुनाफा कमा रहा है क्योकिं कृषि के अलावा अन्य साधनों से परिवार के आय का स्रोत बढ़ रहा है।

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