Kailash Mansarovar Yatra: भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत को लेकर जरूरी फैसला लिया गया है. बुधवार को दोनों देशों के खास प्रतिनिधियों (एसआर) के बीच हुई बातचीत में न केवल इस यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी, बल्कि कई दूसरे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई. खासतौर से नाथुला सीमा पर भारत-चीन के बीच बंद कारोबार को शीघ्र दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया गया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है.
एसआर स्तर पर हुई अहम बातचीत
यह बातचीत विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर आयोजित की गई, जिसमें भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी ने भाग लिया. यह वार्ता 23वीं दौर की एसआर वार्ता थी, जो साल 2020 में लद्दाख के वास्तविक कंट्रोल लाइन (एलएसी) पर उत्पन्न विवाद के बाद से स्थगित थी. वार्ता में दोनों देशों ने सीमा विवाद के समाधान के लिए अच्छे कदम अपनाने पर सहमति जताई है.
कजान में हुई मुलाकात से मिली दिशा
भारत और चीन के नेताओं के बीच कजान में हुई मुलाकात में यह फैसला लिया गया था कि एसआर स्तर की बातचीत फिर से शुरू की जाएगी. इसका उद्देश्य सीमा पर शांति बहाल करना और दोनों देशों के बीच विवादों का न्यायपूर्ण और निष्पक्ष समाधान निकालना है. इस संदर्भ में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने राजनीतिक नेतृत्व से मिले निर्देशों के आधार पर सीमा विवाद के समाधान पर जोर दिया.
वार्ता के दौरान एक और अहम पहलू पर चर्चा की गई. विशेष प्रतिनिधियों ने अक्टूबर 2024 में संबंधित क्षेत्रों में पशुओं को चराने और गश्त की अनुमति देने पर सहमति जताई. दोनों पक्षों ने यह माना कि सीमा पर शांति बनाए रखना और सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए स्थिरता जरूरी है. इसके अलावा, सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग अलग विकल्पों और नए सुझावों पर भी विचार किया गया.
कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी शुरू
चीन के विदेश मंत्रालय ने इस वार्ता के परिणामस्वरूप यह घोषणा की कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा शीघ्र शुरू की जाएगी. इसके साथ ही नाथुला में भारत-चीन व्यापार फिर से शुरू होगा. यह कदम दोनों देशों के बीच धार्मिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. उल्लेखनीय है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा भारत के तीर्थयात्रियों के लिए विशेष महत्व रखती है, और यह फैसला दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा.
नाथुला सीमा के माध्यम से भारत और चीन के बीच व्यापार की दोबारा से शुरुआत का फैसला लिया गया है. नाथुला में व्यापार 1962 के युद्ध के बाद बंद कर दिया गया था, लेकिन 2006 में इसे फिर से खोला गया था. इसके बाद से यह कारोबार बंद था, लेकिन अब फिर से इसे चालू करने का फैसला लिया गया है. यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम है.