गणतंत्र दिवस विशेष: मजदूर रतिराम में देशभक्ति का ऐसा जज्बा 21वर्षों से खेत में ही करते आ रहे हैं ध्वजारोहण

आज पुरा भारत गणतंत्र पर्व हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। कस्बा हो या गांव, शहर हो या महानगर आज सभी स्थानों पर हमारा गौरव राष्ट्रीयध्वज तिरंगा लहरा रहा है, पूरा भारत देशभक्ति के रंग में सराबोर है।

राष्ट्रीय पर्व भारत वासियों के लिए गर्व और जज्बे से भरा हुआ है। लोगो को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस का इंतजार रहता है। आज हम एक ऐसे शख्स से आपका परिचय कराने जा रहे है, जो उम्र के अंतिम पड़ाव में होने के बाद भी राष्ट्रीय पर्व और तिरंगे के प्रति उनका जज्बा देखते ही बनता है।


हम उस शख्स की बात कर रहे हैं जिसके रोम रोम में देशभक्ति का जज्बा भरा हुआ है। यह गरीब मजदूर खेत मे निर्माण किये गये अपने कुटिया के सामने पिछले 21 वर्षो से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दिन ध्वजारोहण कर मिठाई का वितरण करता है। मैनपुर निवासी रतिराम जिनकी उम्र लगभग 85 वर्ष के आसपास है और खेत में बने झोपड़ी में रहते हुए, दूसरो के घर मेहनत मजदूरी करते है। मजदूर रतिराम को राष्ट्रीय पर्व मनाने के लिए एक सप्ताह पहले से ही तैयारी करते देखा जा सकता है। जंहा पर ध्वजारोहण करना है उस जगह की साफ -सफाई के साथ अपने क्षमता अनुसार मिठाई का वितरण करने के लिए लगातार प्रयास करते है।

 

हमारे रिपोर्टर से चर्चा करते हुए 85 वर्षीय रतिराम यादव ने बताया कि बचपन में माता पिता से उन्होने देश की आजादी व लड़ाई के बारे में सुना था मुलतः नगरी सिहावा क्षेत्र के ग्राम भोथली के रहने वाले रतिराम का कहना है उनका पूरा जीवन मैनपुर मे ही बीत गया वह मैनपुर के वरिष्ठ किसान शेख फखरूद्दीन के खेतो मे बचपन से काम करते आ रहा है लेकिन अब वह काफी बुजुर्ग हो गया है कामकाज नही कर पाता तो उन्हे मैनपुर के वरिष्ठ कृषक शेख फखरूद्दीन अपने खेत मे पक्का आवास मकान बनाकर परिवार के सदस्य की तरह रखे है, कोई मेहनत मजदूरी अब नही करते लेकिन उन्हे तीनो समय भोजन के साथ परिवार जैसे रखे है। उन्होने बताया उनके पिता कचरूराम यादव जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी धमतरी जिले के कण्डेल नहर सत्याग्रह मे शामिल होने पहुंचे थे, तो उनके पिता महात्मा गांधी से मिलने कण्डेल गए थे और महात्मा गांधी से काफी प्रभावित होकर आजादी के जंग मे उनके पिता ने हिस्सा लिया था ।उनके माता-पिता, भाई-बहन अब कोई इस दुनिया मे नही है लेकिन देशभक्ति का जज्बा उन्हे उनके पिता से मिला है।

उम्र के अंतिम पड़ाव मे पहुंच चुके रतीराम ने बताया इस देश को बहुत कुर्बानियो के बाद और हमारे महान बड़े -बड़े नेताओ के बलिदानो के बाद आजादी मिली है इसलिए हम सब भारतवासियो का सबसे बड़ा पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी है। इसलिए प्रतिवर्ष वह खेत मे सुबह ध्वजारोहण करते है और मिठाई बांटते है। आसपास के लोगो को आमंत्रित भी करते है मैनपुर नगर से भी उनके ध्वजारोहण कार्यक्रम मे शामिल होने युवा लोग पहुंचते है। उनका कहना है कि मै कोई नया काम नही कर रहा हूं यह हम सभी की जिम्मेदारी हैं कि हमारे तिरंगा झंडा का गौरव बना रहें।

तिरंगा फहराने उफनते नदी मे लगा दी थी छलांग
रतीराम ने बताया वह हमेशा मैनपुर से रायपुर, धमतरी, नगरी सायकल से आना जाना करते थे वर्षो पहले जब सोंढू़र नदी मे पुल नही बना था तब भारी बारिश हो रही थी और 15 अगस्त मे ध्वजारोहण करने के लिए उन्हे मैनपुर आना था तब उन्होने उफनते सोंढू़र नदी मे छलांग लगा दिया और काफी दूर बहते हुए तट मे सुरक्षित पहुंचा, रातभर पैदल चलने के बाद 15 अगस्त को सुबह खेत मे ध्वजारोहण किया था।

देश दुनिया की खबरो से अनभिज्ञ नहीं रतीराम
रतीराम काफी बुजुर्ग होने के कारण अब खेत मे बने मकान मे ही रहते है उनके लिए रेडियो और मोबाइल की भी व्यवस्था है और हमेशा रेडियो के माध्यम से वह प्रदेश, देश दुनिया की खबरो को सुनते है और जो भी उनके पास पहुंचता है उससे वे राजनीतिक, सामाजिक मुद्दो पर चर्चा भी करते है। हालाकि रतीराम पढ़े लिखे नही है लेकिन रेडियो के माध्यम से उन्हे सभी खबरो की जानकारी रहती है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है इच्छा
रतीराम को उनके ख्वाहिश पूछने पर वह बताते है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से उन्होने दो बार मुलाकात किया है और हाथ भी मिलाया है तथा छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने की इच्छा जाहिर करते हुए कहते है कि अब काफी बुढ़ा हो गया हूॅ कैसे मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर तक जाउंगा।

 

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