भोपाल। मध्य प्रदेश में केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा बढ़ाने में राज्य सरकार की लापरवाही सामने आई है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 12 नवंबर 2025 को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर पूर्व सीएम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से खतरा बताया था। इसके बावजूद सुरक्षा बढ़ाने का कदम करीब एक महीने बाद 12 दिसंबर को उठाया गया। भोपाल स्थित उनके आवास बी-8 और बी-9 पर बैरिकेडिंग की गई और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
पत्र में कहा गया था कि ISI ने शिवराज से संबंधित जानकारी जुटाने में रुचि दिखाई है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्य और दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया था कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत और संतुलित की जाए। इसके बाद भी सुरक्षा बढ़ाने में देरी हुई, जिसे लेकर एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे बड़ी लापरवाही बताया।
हाल के महीनों में शिवराज सिंह चौहान के काफिले को रोकने और सुरक्षा घेरा तोड़ने की घटनाएं लगातार सामने आई हैं। 23 दिसंबर को खातेगांव में कांग्रेस नेता रोहित बंडावाला ने उनके वाहन के सामने बैठकर विरोध जताया। इसी तरह, 6 अक्टूबर को सीहोर में और 11 सितंबर को सतना में उनके काफिले को किसानों और कांग्रेस नेताओं ने रोककर मुद्दों को रखा।
इन घटनाओं के बीच केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और राज्य सरकार की सतर्कता पर सवाल उठे हैं। पत्र के आने के एक महीने बाद ही सुरक्षा बढ़ाना सुरक्षा में चूक के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। अब शिवराज सिंह चौहान के आवास और उनके काफिले की सुरक्षा में कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके।











