रायपुर। 75 वर्षीय वृद्ध महिला को रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जिसे गंभीर संक्रमण के साथ सेप्सीस एवं इंफेक्टीव एंडोकार्डीयासिस (हृदय की लेयर्स मे संक्रमण) की बीमारी थी। इस संक्रमण का कारण यह था, कि उसे 6 वर्ष पहले हृदय मे पेस मेकर लगाया गया था। यह संक्रमण खून मे फैल जाने के कारण सेप्सिस हो गया था। डॉ. जावेद परवेज, प्रतिष्ठित इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट (पेसमेकर विशेषज्ञ) की टीम ने मरीज की जॉच कर, उसकी स्थिति का आकलन किया। इसमें उन्हे पता चला कि, इस संक्रमण का मुख्य कारण पेसमेकर के तार (जिसे लीड कहा जाता है) की वजह से था। इसके ऑपरेशन में मरीज के कमजोर स्वास्थ्य की कारण खतरा हो सकता था। इस बात को ध्यान में रखकर, विशेषज्ञो की टीम ने 6 वर्ष पुराने पेसमेकर की लीड को, बिना सर्जरी के निकालने का फैसला किया। इस प्रक्रिया में 3 घंटो का समय लगा, जिसमें विशेष उपकरणों की सहायता से कार्डियोलाजिस्ट की टीम ने, मरीज के शरीर से संक्रमित लीड को हटाने मे सफलता प्राप्त की। डॉ. जावेद परवेज ने ‘प्रेस’ को बतलाया कि यह संक्रमण का एक दुर्लभ व जटिल मामला था, जिसमें मरीज की प्राण रक्षा के लिये पेसमेकर की लीड को निकालना जरूरी था। यह मध्यभारत क्षेत्र में जटिल लीड एक्सट्रेक्शन का पहला मामला था, जिसमें हमे सफलता मिली। मरीज को जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ होने के बाद एक सप्ताह में हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने पूरी टीम को इस सफलता के लिये बधाई दी और उनकी सराहना की। उन्होने प्रेस को बताया कि लीड एक्स्ट्रेक्शन की प्रकिया अभी केवल महानगरों में ही की जाती है। लेकिन रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में, यह प्रकिया सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित ढंग से कर, मरीज की प्राण रक्षा की गई जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
2022-07-30