बांग्लादेश में तख्तापलट : पीएम शेख हसीना ने दिया इस्तीफा, बहन के साथ देश छोड़कर भागीं

ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार देश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अपनी पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं वह राजधानी ढाका छोड़ किसी सुरक्षित जगह पर के लिए निकल गई हैं। खबर है कि वह फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी के लिए रवाना हो गई हैं। हसीना ने अपनी बहन के साथ शेख रेहाना के साथ देश छोड़कर चली गई हैं।

शेख हसीना के ढाका से भागने की तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। इसी वीडियो में कई गाड़ियां और एक हेलीकॉप्टर दिखाई दे रहा है। इसी हेलीकॉप्टर में शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना के देश छोड़ने की खबर है।

दूसरी तरफ एक और तस्वीर सामने आई है, जिसमें कई प्रदर्शनकारी ढाका में प्रधानमंत्री आवास में घुस गए और हसीना के देश छोड़े जाने पर जश्न मनाते दिखे।

वहीं बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज- मान सेना मुख्यालय में अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे हैं।
जातीय पार्टी के सह-अध्यक्ष अनीसुल इस्लाम महमूद और पार्टी महासचिव मुजीबुल हक चुन्नू को भी इस मीटिंग में बुलाया गया है। ढाका यूनिवर्सिटी के कानून विभाग के प्रोफेसर आसिफ नजरूल को भी सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान के साथ बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।

रिकॉर्ड करना चाहती थीं भाषण

एजेंसी एएफपी को दिए एक बयान में शेख हसीना के करीबी सूत्र ने बताया, ‘शेख हसीना अपनी बहन के साथ गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास) से सुरक्षित जगह के लिए निकल गई हैं।

उन्होंने बताया, ‘वो देश के नाम एक भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाया।’
दरअसल, बांग्लादेश में रविवार को भयंकर प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में अब तक 300 लोगों के मारे जाने की खबर है। बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सोमवार को आदेश दिया। इससे एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

झड़पें रविवार की सुबह हुईं जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के परचम तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना का इस्तीफा मांग रहे थे।

बांग्ला भाषा के प्रमुख समाचार पत्र ‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई। हिंसा के कारण प्राधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और पूरे देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू करना पड़ा।

‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट’ ने सोमवार को अपना “लॉन्ग मार्च टू ढाका” आयोजित करने की योजना बनायी है जिसे पूर्व में एक दिन बाद आयोजित किया जाना था।

गौरतलब है कि, भारत ने बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण अपने सभी नागरिकों को अगली सूचना तक पड़ोसी देश की यात्रा न करने की सलाह दी है। इस बीच, ‘यूनिवर्सिटी टीचर्स नेटवर्क’ ने तुरंत विभिन्न वर्गों और व्यवसायों के लोगों को मिलाकर एक अंतरिम सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, हसीना को अंतरिम सरकार को सत्ता सौंपनी होगी।

बता दें कि, रविवार को हुई झड़पों से कुछ दिन पहले बांग्लादेश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।

सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का आदेश दिया। मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है. प्रधानमंत्री हसीना ने शनिवार को आंदोलन के समन्वयकों के साथ वार्ता की पेशकश की थी। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया।

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