पंजाब के सिंहासन के लिए मालवा को जीतना जरूरी, 17 मुख्यमंत्रियों का रहा है यहां से नाता

चंडीगढ़।

पंजाब की राजनीति में मालवा क्षेत्र का हमेशा दबदबा रहा है। चाहे वह सीटों के मामले में हो या फिर मुख्यमंत्री देने वाले क्षेत्र के नाम पर। वर्ष 1966 में हरियाणा के अलग होने के बाद से अब तक पंजाब में 18 मुख्यमंत्री बन चुके है। जबकि पंजाब में पांच बार राष्ट्रपति शासन भी लगा है। 17 मुख्यमंत्रियों का नाता मालवा क्षेत्र से रहा है। सिर्फ पूर्व सीएम गुरमुख सिंह मुसाफिर का नाता माझा क्षेत्र से था। अब एक बार फिर से 2022 के चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव मैदान में उतर चुकी राजनीतिक पार्टियों के जितने भी मुख्यमंत्री के प्रमुख दावेदार हैं, वह सभी मालवा से संबंधित हैं। इससे साफ है कि इस बार भी पंजाब की मुख्यमंत्री कुर्सी पर मालवा का दबदबा रहेगा। चाहें किसी भी राजनीतिक दल का सीएम क्यों न बनें।

इस बार सीएम के दावेदार चेहरे
इस बार सत्ताधारी कांग्रेस में चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिद्धू व सुनील जाखड़ को सीएम पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा है। यह तीनों नेता मालवा से संबंध रखते हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल में सीएम के सबसे बड़े दावेदार इस समय सुखबीर बादल है, जो कि मालवा से संबंधित हैं। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान भी जिस सीट से सांसद हैं वह सीट मालवा क्षेत्र से आती है।
 

मालवा में सबसे ज्यादा सीट
आपको बता दें कि पंजाब में विधानसभा की कुल 117 सीटें हैं। इनमें से करीब 69 सिर्फ मालवा क्षेत्र से आती हैं। इसके बाद माझा क्षेत्र आता है। यहां से कुल 25 विधायक आते हैं। वहीं, सबसे कम दोआब क्षेत्र से 23 विधायकर विधानसभा पहुंचते हैं। संख्या बल की वजह से पंजाब की राजनीति में मालवा का दबदबा काफी अधिक है।

पंजाब चुनाव में इस बार ये मुद्दे हावी
पंजाब विधानसभा चुनाव में इसबार सबसे अधिक कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का जिक्र सबसे अधिक है। इसके अलावा बेअदमी मामले में न्याय न मिलना और बेरोजगारी के अलावा नशा और खनन के मामले भी खूब गूंज रहे हैं।

इन 17 मुख्यमंत्रियों का संबंध मालवा क्षेत्र से:

1-गुरनाम सिंह (किला रायपुर 1967)
2-लक्षमण सिंह गिल (धर्मकोट 1967)
3-गुरनाम सिंह (किला रायपुर 1969)
4-प्रकाश सिंह बादल (गिद्दड़बाहा 1970)
5-ज्ञानी जैल सिंह (श्री आनंदपुर साहिब 1972)
6- प्रकाश सिंह बादल (गिद्दड़बाहा 1977)
7- दरबारा सिंह (नकोदर 1980)
8-सुरजीत सिंह बरनाला (1985)
9-बेअंत सिंह (1992 जीते जालंधर कैंट से रहने वाले लुधियाना के पायल के)
10-हरचरण सिंह बराड़ (श्री मुक्तसर साहिब 1995)
11-रजिंदर कौर भट्ठल (लेहरा 1996)
12-प्रकाश सिंह बादल (लंबी 1997)
13-कैप्टन अमरिंदर सिंह (पटियाला 2002)
14-प्रकाश सिंह बादल (लंबी 2007)
15-प्रकाश सिंह बादल (लंबी 2012)
16-कैप्टन अमरिंदर सिंह (पटियाला 2017)
17- चरणजीत सिंह चन्नी (चमकौर साहिब 2021)

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