Anti Maoist Operation: कुर्रेगुट्टा में माओवाद विरोधी अभियान निर्णायक मोड़ पर, सीएम विष्णु देव साय बोले – “सरकार अंतिम दम तक लड़ेगी यह लड़ाई”

02, May, 2025

| रायपुर/बस्तर। Anti Maoist Operation: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के पीड़ितों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार बस्तर को माओवादी हिंसा से मुक्त कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चलाया जा रहा माओवादी विरोधी अभियान अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है, और इसे किसी भी हाल में अधूरा नहीं छोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान का लक्ष्य सिर्फ माओवादियों का खात्मा नहीं, बल्कि बस्तर में स्थायी शांति और समावेशी विकास की स्थापना है। गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और कांकेर समेत विभिन्न जिलों से आए माओवादी हिंसा पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा – “माओवाद केवल एक सशस्त्र विद्रोह नहीं, यह हमारे सह-अस्तित्व की संस्कृति पर हमला है। सरकार हर माओवादी पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।”

सुरक्षा बलों का मनोबल नहीं गिरने देंगे
सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने या अभियान को बाधित करने वाले किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बस्तर को भय, हिंसा और अव्यवस्था के माहौल से मुक्त कर, एक सशक्त और समृद्ध क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहती है।

माओवादी हिंसा की विभीषिका
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कुर्रेगुट्टा में चल रहे अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने और उसे निर्णायक अंत तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बस्तर के हजारों परिवार आज भी माओवादी आतंक की विभीषिका से जूझ रहे हैं। माओवादियों ने क्षेत्र की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक नींव को बर्बाद कर दिया है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।

राज्यपाल से भी की मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर स्थित राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका से भी भेंट की और माओवाद से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया। राज्यपाल ने भरोसा दिलाया कि माओवादी हिंसा से प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो लोग माओवादी हमलों में दिव्यांग हो चुके हैं, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजनाओं के तहत प्राथमिकता दी जाएगी।

सरकार की स्पष्ट नीति
राज्य सरकार का रुख साफ है – बस्तर में माओवाद के लिए कोई जगह नहीं। मुख्यमंत्री ने माओवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए कहा कि यदि वे समाज के साथ चलना चाहें, तो सरकार उन्हें पुनर्वास के अवसर भी देगी। लेकिन यदि वे हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते, तो सख्त कार्रवाई निश्चित है।

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