इस होली गालों पर चढ़ेगा गोबर के गुलाल का रंग, नाम दिया ‘गोमय गुलाल’

रायपुर: इस साल गोबर के गुलाल से होली के त्योहार में चार चांद लग जाएगा। दरअसल छत्‍तीसगढ़ राजधानी के रायपुर के कई गौठानों में गोबर और सूखे फूलों को मिलाकर हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। इतना ही नहीं इसमें शहर भर के मंदिरों और शादी समारोह के अलावा फूल बाजार से निकलने वाले वेस्ट फूलों को मिलाकर यहां बनने वाले गुलाल की खुशबू बढ़ाई जा रही है। इसे लोग भी काफी पसंद कर रहा है।

गौरतलब है की नगर निगम द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत उन्हें फूलों से अगरबत्ती बनाने का टास्क दिया गया था, लेकिन इससे एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने होली त्यौहार के मद्देनजर गोबर से गुलाल बनाने की कवायद शुरू की। उन्होंने बताया कि गोबर से गुलाल बनाने के लिए पहले गोबर के कंडे तैयार किए जाते हैं और फिर मशीन से इसका पाउडर तैयार किया जाता है। मशीन के द्वारा ही अलग से सूखे फूलों का भी पाउडर तैयार करने के बाद इसमें कस्टर्ड पाउडर मिलाया जाता है और रंगो के लिए मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने वाले रंग का इस्तेमाल गुलाल बनाने के लिए किया जाता है।

वर्तमान में गुलाल के लिए छत्‍तीसगढ़ प्रदेश के कई जिलों और दिल्ली से गोबर के गुलाल की डिमांड आई है। गोबर के गुलाल की मांग इस कदर बढ़ गई है कि गौठानों को काफी श्रम करना पड़ रहा है। वहीं इस गुलाल को लेकर यह भी दवा किया जा रहा है की गुलाल से त्वचा के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। महिला समूह द्वारा गोमय गुलाल बनाया जा रहा है।

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