पुलिस की पहली बड़ी कार्रवाई : वाइस चेयरमैन से 43 लाख की ठगी का पर्दाफाश

देहरादून। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने तेजी से बढ़ते डिजिटल अरेस्ट घोटाले में पहली गिरफ्तारी की है। हरिद्वार के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में स्थित नोवाटेक इलेक्ट्रिकल एंड डिजिटल सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के वाइस चेयरमैन को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया, जिससे एक साइबर जालसाज पकड़ा गया, जिसने उनसे 43 लाख रुपए ठग लिए। संदिग्ध को छत्तीसगढ़ के भिलाई (दुर्ग) से गिरफ्तार किया गया। जालसाज के अन्य मामलों से जुड़े सबूत सामने आए हैं और उसके खातों में 12.7 मिलियन रुपए के संदिग्ध लेनदेन की पहचान की गई है।

एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर के अनुसार, जालंधर (पंजाब) निवासी सरनजीत सिंह ने साइबर थाने में तहरीर देकर बताया कि वह वर्तमान में शिवालिक नगर, हरिद्वार में रहता है और सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र स्थित नोवाटेक इलेक्ट्रिकल एंड डिजिटल सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड में वाइस चेयरमैन के पद पर कार्यरत है।

मुंबई से ईरान भेजे गए पार्सल

24 अगस्त को उन्हें एक फोन आया, जिसमें दूसरी तरफ से व्यक्ति ने बताया कि, सरनजीत की ओर से मुंबई से ईरान भेजे गए पार्सल में दो अवैध भारतीय पासपोर्ट, पांच किलोग्राम प्रतिबंधित दवाइयां और 50 ग्राम ड्रग्स हैं।

मुंबई क्राइम ब्रांच ने किया खिलाफ केस दर्ज

कॉल करने वाले ने बताया कि, मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके बाद उसने कॉल ट्रांसफर कर दी। दूसरे व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी प्रदीप सावंत बताया और पार्सल केस के बारे में पूछताछ की। उसने सरनजीत से उसका आधार कार्ड नंबर मांगा और कहा कि, इस आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में किया गया है।

आरोपी ने उनसे वीडियो कॉल में शामिल होने का अनुरोध किया। इस बातचीत के दौरान उसने अपना पुलिस आईडी कार्ड भी भेजा। पीड़ित के अनुसार, जालसाज ने उन्हें यह कहकर धमकाया कि जांच पूरी होने तक उन्हें ऑनलाइन रहना होगा। इसके बाद, वे वीडियो कॉल के ज़रिए एक महिला से जुड़ गए जिसने खुद को क्राइम ब्रांच की डीसीपी अमनीत कोंडल बताया।

आरोप है कि महिला ने सरनजीत को तीन घंटे तक डिजिटल हिरासत में रखा और उसके बैंक खातों से जुड़ी जानकारी हासिल की। इसके कुछ समय बाद ही उसे एसएमएस के ज़रिए सूचनाएँ मिलनी शुरू हो गईं, जिसमें बताया गया कि उसके खातों से पैसे कट रहे हैं। जालसाजों ने उसके तीन खातों से 43 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए।

आरोपी के खातों में 12.7 करोड़ रुपए पाया गया का लेनदेन

मामले की गंभीरता को देखते हुए ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटाई गई। साक्ष्य जुटाने के बाद छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई निवासी मोनू को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से वारदात में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट सिम नंबर के साथ एक मोबाइल हैंडसेट और मेमोरी कार्ड बरामद किया गया। आरोपी के खातों में 12.7 करोड़ रुपए का लेनदेन पाया गया।

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