कांग्रेस का हमला: “भारत दुनिया का चौथा सबसे समान समाज नहीं, बल्कि 40वां सबसे असमान”

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने विश्व बैंक की रिपोर्ट के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर यह भ्रम फैलाया कि भारत दुनिया का चौथा सबसे समानता वाला समाज बन गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि असलियत इसके ठीक उलट है — भारत दुनिया का 40वां सबसे असमान समाज है।

रमेश ने कहा कि सरकार और प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने जानबूझकर “बौद्धिक बेईमानी” की है। उन्होंने मांग की कि PIB को अपनी प्रेस विज्ञप्ति तुरंत वापस लेनी चाहिए। सरकार ने दावा किया था कि भारत अब समानता के मामले में स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद चौथे स्थान पर है।

कांग्रेस नेता ने बताया कि अप्रैल 2025 में विश्व बैंक ने “पावर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ” जारी की थी, जिसमें भारत में असमानता और गरीबी के आँकड़ों को लेकर कई चेतावनियाँ दी गई थीं। इसके बावजूद, तीन महीने बाद 5 जुलाई को सरकार ने एक भ्रामक विज्ञप्ति जारी कर दावा किया कि भारत अब शीर्ष समानता वाले देशों में है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने भारत के लिए ‘उपभोग आधारित असमानता’ का हवाला दिया, जबकि अन्य देशों के आंकड़े ‘आय आधारित असमानता’ पर आधारित हैं। रमेश के अनुसार, यह तुलना पूरी तरह से गलत और भ्रामक है, क्योंकि उपभोग आधारित असमानता हमेशा कम दिखाई देती है।

उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में भारत, आय असमानता के आधार पर 216 देशों में 176वें स्थान पर था। ऐसे में सरकार का यह दावा तथ्यहीन और ज़मीनी हकीकत से पूरी तरह कटा हुआ है।

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