रक्षा बजट, आत्मनिर्भरता और नई रणनीति: नियंत्रक सम्मेलन में बोले राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित नियंत्रक सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन की मेजबानी रक्षा लेखा विभाग (DAD) कर रहा है, जिसमें सेनाध्यक्षों, रक्षा सचिव, वित्तीय सलाहकार और प्रमुख नीति निर्माताओं ने भाग लिया। सम्मेलन का मकसद है—रक्षा और वित्तीय क्षेत्रों के बीच समन्वय, रणनीतिक समीक्षा और आधुनिक नवाचार को बढ़ावा देना।

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया ने न सिर्फ भारतीय सैनिकों की बहादुरी देखी, बल्कि भारत की स्वदेशी सैन्य तकनीक की ताकत को भी पहचाना। उन्होंने बताया कि वैश्विक सैन्य खर्च 2024 में $2.7 ट्रिलियन को पार कर गया है, जिसमें भारत के लिए संभावनाओं का बड़ा बाजार मौजूद है।

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि शांति का समय धोखे से भरा होता है, इसलिए इसी अवधि में रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना ज़रूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि वित्तीय प्रबंधन और रक्षा अर्थशास्त्र को और प्रभावी बनाया जाए।

सम्मेलन में बजट सुधार, मूल्य निर्धारण, संयुक्त शोध और आंतरिक ऑडिट जैसे विषयों पर मंथन सत्र आयोजित हो रहे हैं। इसका उद्देश्य DAD को पारंपरिक लेखा से आधुनिक रणनीतिक वित्त संस्था के रूप में स्थापित करना है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि डीएडी सिर्फ हिसाब-किताब रखने वाला विभाग नहीं, बल्कि यह रक्षा प्रणाली की रीढ़ है। इसका ईमानदारी से किया गया काम देश की सीमाओं पर खड़े सैनिकों तक भरोसे का संदेश पहुंचाता है।

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