क्रिसमस से एक दिन पहले छत्तीसगढ़ बंद: कांकेर हिंसा और धर्मांतरण के विरोध में सड़कों पर उतरा सर्व समाज

रायपुर। कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में हुई हिंसा और कथित धर्मांतरण के विरोध में बुधवार 24 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में सर्व समाज ने बंद का आह्वान किया है।

क्रिसमस से ठीक एक दिन पहले बुलाए गए इस बंद का असर राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में सुबह से ही नजर आने लगा। रायपुर में स्कूल, दुकानें और अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, वहीं निजी संस्थानों में भी कामकाज ठप दिखा। हालांकि, अस्पताल, मेडिकल स्टोर और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को बंद से अलग रखा गया है।

इस बंद को RSS, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित दर्जनों व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों का समर्थन मिला है। एक दिन पहले रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में समाज प्रमुखों ने आमाबेड़ा हिंसा को लेकर सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 15 से 18 दिसंबर के बीच आमाबेड़ा में हुई घटनाओं में हिंदू जनजातीय समाज को निशाना बनाया गया, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की।

सर्व समाज ने सरकार के सामने पांच प्रमुख मांगें रखी हैं। इनमें धर्म स्वातंत्र्य कानून को सख्ती से लागू करना, कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला को निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच कराना, SDM ए.एस. पैकरा और तहसीलदार सुधीर खलखो को निलंबित करना, आमाबेड़ा हिंसा में शामिल भीम आर्मी और अन्य समूहों पर कड़ी कार्रवाई तथा ग्रामीणों पर दर्ज कथित पक्षपातपूर्ण केस वापस लेकर पीड़ितों को मुआवजा देना शामिल है।

आंदोलन की कमान खेड़िस राम कश्यप, उमेश कच्छप, बंशीलाल कुर्रे, प्रदीप साहू, कृष्ण कुमार खेलकर समेत कई समाज प्रमुखों ने संभाली है। उन्होंने ऐलान किया कि हर जिले में बैठकें कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

गौरतलब है कि 19 दिसंबर को बड़े तेवड़ा गांव में धर्मांतरित सरपंच के पिता के शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद चर्च में आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस लाठीचार्ज की घटनाएं हुईं, जिसमें कई ग्रामीण, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसी घटना के विरोध में आज प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है।

Share this news:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *