रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि इसकी समीक्षा शीर्ष अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। बता दें कि ईबीएस किसी भी मौजूदा अधिकार से वंचित नहीं है, यह क्लीन मनी का योगदान सुनिश्चित करता है।
वहीं भारत सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना को ‘अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक’ बताते हुए चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली 5 जजों की बेंच के सामने लिखित दलीलें दी हैं। अटॉर्नी जनरल का कहना है, “राजनीतिक दलों के योगदान का लोकतांत्रिक महत्व है और यह राजनीतिक बहस के लिए एक उपयुक्त विषय है।”
मिली जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से कहा गया है, “प्रभाव से मुक्त शासन की जवाबदेही की मांग का मतलब यह नहीं है कि कोर्ट स्पष्ट संवैधानिक रूप से कानून के अभाव में ऐसे मामलों पर फैसला सुनाने के लिए आगे बढ़ेगा।”