7/11 मुंबई लोकल ट्रेन धमाका केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को किया बरी

7/11 मुंबई धमाका केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। ये वही आरोपी हैं जिन्हें 2015 में विशेष मकोका अदालत ने दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन आरोपों को विश्वसनीय और ठोस सबूतों के साथ साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा।

यह मामला 11 जुलाई 2006 का है, जब मुंबई की भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों में सात जगहों पर एक के बाद एक बम धमाके हुए थे। इस भयावह हमले में 189 लोगों की जान गई थी और 800 से अधिक घायल हुए थे। यह भारत के इतिहास के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जाता है।

2015 में विशेष अदालत ने 13 में से 12 लोगों को दोषी करार दिया था। इनमें से 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फांसी की सजा पाने वालों में कमाल अंसारी, मोहम्मद फैजल शेख, एहतेशाम सिद्दीकी, नवीद हुसैन खान और आसिफ खान शामिल थे। इन पर ट्रेनों में बम लगाने का आरोप था।

हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने ताजा फैसले में साफ किया कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया। अदालत ने कहा, “सबूतों में दम नहीं है, इस आधार पर सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।”

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