यह बहुत ही विषैला होता हैआयुर्वेद में आक के पौधे का विशेष महत्व हैइसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है
जंगलों-झाड़ियों के बीच आक का पौधा आपको बहुत ही आसानी से नजर आ जाएगा। यह बहुत ही विषैला होता है। आयुर्वेद में आक के पौधे का विशेष महत्व है। इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है। अंग्रेजी में इसे Calotropis gigantea कहते हैं। जहरीला होने के कारण ये जानवरों द्वारा भी नहीं खाया जाता, लेकिन ये हमारी कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक कर सकता है। वहीं इसके पत्तों का इस्तेमाल ऑयल या फिर औषधी के रूप में भी किया जाता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप आक के पौधे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं आक के पौधे का इस्तेमाल कैसे किया जाता है-
आक का पौधा डायबिटीज में कैसे है लाभकारी-
आक के पेड़ को मदार, अर्क के अलावा अकोवा नाम से भी जाना जाता है। इस पेड़ के पत्तियों, दूध के साथ-साथ फूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-डिसेंट्रिक, एंटी-सिफिलिटिक, एंटी-रूमेटिक, एंटीफंगल के साथ-साथ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आपको कुष्ठ रोग, डायबिटीज के अलावा कई स्किन संबंधी समस्याओं, अस्थमा आदि से निजात दिला सकता है।
कैसे करें सेवन-
इसके लिए आक की पत्तियों को अचछी तरह सुखाकर पाउडर बना लें। अब रोजाना 10 एमएल आक की पत्तियों का पाउडर पानी में मिलाकर सेवन करें। इसके सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। हालांकि, सेवन करने से पहले एकबार डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इसके अलावा रात में सोते वक्त आक के पत्ते को पैर के तलवे पर रखकर मोजे पहन लें और अगली सुबह को पत्तों को हटा दें। इस प्रक्रिया से भी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
आक के अन्य लाभ-
जोड़ों के दर्द में लाभकारी-
अगर आपको जोड़ों में काफी दर्द हैं तो इसके पत्तों को तवा में हल्का गर्म करके जोड़ों में लगा लें। इससे आराम मिलेगा।
घाव भरने में लाभकारी-
पौधे का दूध निकालकर इसमें हल्दी मिलाकर घाव में लगा लें। इससे आपका घाव जल्दी भर जाएगा।
पांव के छाले पड़ने पर-
अगर आपके पैरों में छाले पड़ जाए तो आक के पौधे के दूध को निकाल छालों के ऊपर लगा लें। इससे तुरंत लाभ मिलेगा।
बवासीर-
आक का पत्ता और डंठल को पानी में बिगो जें। इसके बाद इसे पीने से बवासीर की समस्या से निजात मिलेगा।











